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चम्पावत : बिजली की रोशनी से जगमग होंगे सीमांत के गांव, एसएसबी की बीओपी में भी होगा उजाला

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चम्पावत। सीमांत के गांव आने वाले दिनों में बिजली की रोशनी से जगमग होंगे। वहीं एसएसबी की बीओपी में भी बेहतर उजाला होगा। मालूम हो कि बिजली के खंभे और लाइन बिछी होने के बावजूद नेपाल सीमा से लगे 12 गांवों तक बिजली नहीं पहुंच सकी है। करीब 11 साल के इंतजार के बाद बाद अब फिर से उम्मीद जगी है। बताया जा रहा है कि नेपाल सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में बनी एसएसबी की बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) तक पौने चार करोड़ रुपये में बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में इन गांवों में भी बिजली की आपूर्ति की जाएगी।


सीमांत क्षेत्र के सीम, खेत, रियासी बमनगांव, चूका, श्रीकुंड, कलढुंगा, गंगसीर, खिरद्वारी, कलसुनिया, चामी, आमड़ा, ब्यूरी आदि गांवों तक वर्ष 2012 में बिजली की लाइन, खंभे और ट्रांसफार्मर लगाए गए थे लेकिन आपदा में लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से बिजली की आपूर्ति नहीं हो सकी थी। देखरेख के अभाव में अधिकतर लाइन खराब भी हो गई। अब इस सीमावर्ती क्षेत्र में बिजली की लाइन फिर से बिछाई जाएगी। यहां बिजली की आपूर्ति चंपावत के बजाय ऊधमसिंह नगर जिले के लोहियाहेड पावर स्टेशन खटीमा से की जाएगी। पहाड़ के बजाय मैदान से आपूर्ति होने से लाइन में कम खराबी आने की बात कही जा रही है।


पहले चरण में नेपाल सीमा से लगी एसएसबी की दस बीओपी को विद्युतीकृत किया जाएगा। ऊर्जा निगम के ईई रवि कुमार ने बताया कि इसके लिए एसएसबी ने विद्युतीकरण के लिए बजट ऊर्जा निगम को दे दिया है। ये लाइन टनकपुर-जौलजीबी सड़क के किनारे होकर बिछाई जाएगी। करीब 17 किमी लंबी इस लाइन का काम छह माह में पूरा हो जाएगा। बीओपी के बाद सीमांत क्षेत्र के गांवों को भी विद्युतीकृत किया जाएगा।

एसएसबी की इन दस चौकियों में होगा उजाला
श्रीकुंड, चामीगाड़, पूर्णागिरि, कलढुंगा प्रथम, कलढुंगा द्वितीय, चूका, सीम, खेत, आमड़ा और ब्यूरी बीओपी।

सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत किए गए हैं 99 तोक
चंपावत। चंपावत जिले के 99 तोकों में ग्रिड की बिजली नहीं है। विषम भौगोलिक हालात वाले ये तोक नदी, घने जंगल से घिरे हैं। इन 99 तोकों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत सौर ऊर्जा के जरिये विद्युतीकृत किया गया है। इसके तहत यहां के 852 घरों को 300-300 वाट क्षमता की सौर ऊर्जा लाइन से जोड़ा गया है लेकिन धूप कम होने पर सोलर प्लेट चार्ज न होने से उजाला कम ही हो पाता है।

फिलहाल सोलर और जनरेटर से दस बीओपी में उजाला किया जा रहा है। विद्युतीकरण होने से एसएसबी की सभी चौकियां जगमगा जाएंगी। इससे एसएसबी कर्मियों की सुविधा भी बढ़ेगी। प्रमोद देवरानी, कमांडेंट, पंचम वाहिनी, एसएसबी, चम्पावत

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