चम्पावत : वर्ष 2041 तक नगर की लगभग 50 हजार जनसंख्या के अनुसार तैयार हो रहा मास्टर प्लान, जानें मास्टर प्लान में क्या हैं योजनाएं
चम्पावत। चम्पावत जिले को एक मॉडल जिला बनाए जाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अनेक कार्य गतिमान हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा चम्पावत जिले को एक आदर्श जिला बनाए जाने को लगातार घोषणाएं की जा रही हैं। जिसके अनुरूप कार्य भी परिणित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के अधीन जनपद चम्पावत के चम्पावत तथा लोहाघाट नगर के विकास को महायोजना (मास्टर प्लान) तैयार किया जाना है। महायोजना तैयार किये जाने के लिए शनिवार को जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा चम्पावत नगर को महायोजना (मास्टर प्लान) की तैयारी के संबंध में वास्तुकला विद्यालय नई दिल्ली से आए विशेषज्ञों तथा जिले के बाहर से आए अधिकारी तथा विशेषज्ञों के साथ बैठक कर वास्तुकला विद्यालय द्वारा चम्पावत नगर का अभी तक बनाए गए मास्टर प्लान पर चर्चा की गई।
बैठक में वास्तुकला विद्यालय से आए प्रोफेसर राव द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वर्तमान तक चम्पावत नगर की तैयार मास्टर प्लान के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने अवगत कराया कि चम्पावत नगर का मास्टर प्लान वर्ष 2041 तक नगर की लगभग 50 हजार जनसंख्या के अनुसार तैयार किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न मूलभूत सुविधाओं जिसमें स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा, ड्रेनेज, ट्रांसपोर्टेशन, यातायात, पार्किंग व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटन सुविधा, रोजगार, नगर सौन्दर्यकरण, तकनीकी प्रशिक्षण, कूड़ा निस्तारण, बायोमेडिकल वेस्टेज का प्रबंधन सहित विभिन्न आवश्यक जन सुविधाओं आदि विकास कार्यों को शामिल किया गया है व योजना में नगर पंचायत एवं उससे लगे ग्रामसभाओं को लिया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि मास्टर प्लान दीर्घकालीन रणनीति बनाने की दिशा में पहला कदम है। मास्टर प्लान स्पष्ट व मूर्त घोषणाएं हैं। निकट भविष्य में चम्पावत नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग अंतर्गत बाईपास का निर्माण होना है, इसके लिए बाईपास से लगे गांवों को भी इसमें शामिल किया जाए। साथ ही मानेश्वर से पल्सों, ढकना बडोला, सीलिंगटाक, चौकी सहित अन्य क्षेत्रों को भी मास्टर प्लान में सम्मिलित किया जाए। इस क्षेत्र के सड़क, मार्गों आदि को भी शामिल किया जाए। इस संबंध में जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी चम्पावत को दिल्ली से आई टीम को क्षेत्र से संबंधित भूमि दस्तावेज शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि नगर का बेहतर से बेहतर मास्टर प्लान बने इस हेतु जिस भी योजना, सुविधाओं व कार्यों को जोड़ा जाना है। इस संबंध में सभी विभाग कार्य योजना प्रस्ताव तथा सुझाव को भी शीघ्र उपलब्ध करायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की जनपद चम्पावत को एक आदर्श जिला बनाने की परिकल्पना के अंतर्गत यह सभी कार्य हो रहे हैं। सभी विभाग इस योजना को एक महत्वपूर्ण योजना के रूप में लेते हुए एक बेहतर मास्टर प्लान तैयार करने हेतु प्राथमिकता से कार्य कर इसमें सहयोग करें। जिलाधिकारी ने कहा कि मास्टर प्लान में यहां के किसानों को कृषि संबंधित बेहतर व आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराए जाने हेतु तकनीकी प्रशिक्षण संस्था कौशल विकास बोर्डों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि चम्पावत को गोरल (गोलज्यू) देवता के रूप में जाना जाता है। इस हेतु गोरल चौड़ व गोल्ज्यू मंदिर क्षेत्र का एक बेहतर मास्टर प्लान अलग से तैयार कर उसके अनुरूप कार्य कराया जाए। नगर को पर्यटन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य का एक हब बनाए जाने हेतु भी योजना में विभिन्न प्रस्ताव शामिल कराए जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि भविष्य के सभी परियोजना विकास निर्णयों के लिए रोड मैप के रूप में कार्य करने के साथ ही तत्काल और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु व चम्पावत नगर के मास्टर प्लान @2041 को हम और कितना बेहतर बना सकें कि आने वाले समय में यहां हर एक सुविधा मिले साथ ही जनपद के नगर आदर्श नगर बने इस हेतु सभी विभाग व एजेंसी मिलकर कार्य करें व अपने अभिनव सुझाव दें।
बैठक में वास्तुकला विद्यालय दिल्ली से आए प्रोफेसर पी.एस.एन राव, प्रोफेसर आर.डी तथा प्रोफेसर अशोक कुमार के अतिरिक्त प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, अपर जिला अधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, टाटा कंसलटेंसी से आए दीपंकर दत्ता, अभिनय प्रसाद संतोषी, टाउन प्लानर हरिशंकर सिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के के अग्रवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित,उप जिलाधिकारी रिंकू बिष्ट, पुलिस क्षेत्राधिकारी विवेक कुटियाल, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका अशोक वर्मा सहित विभिन्न विभागों से आए अधिकारी उपस्थित रहे।