चम्पावत : ओवर साइट कमेटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने किया जिले में बनने वाले बाईपास का स्थलीय निरीक्षण
चम्पावत में 320 करोड़ की लागत से 9.847 किमी लंबा बाईपास बनेगा
चम्पावत। चारधाम परियोजना अंतर्गत टनकपुर से पिथौरागढ़ तक निर्मित सड़क में तीन बाईपास बनने हैं। जिनमें चम्पावत, लोहाघाट एवं पिथौरागढ़ के बाईपास शामिल हैं। परियोजना अंतर्गत अन्य 126 किलोमीटर सड़क पूर्ण बन गई है। तीनों बाईपास के निर्माण के समरेखण को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार ओवर साइट कमेटी से अनुमति के बाद ही इन बायपासों का निर्माण हो पाएगा। इसी को लेकर शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा गठित समिति चम्पावत पहुंची और प्रस्तावित बाईपास का स्थलीय निरीक्षण किया। समिति में अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एके सीकरी, डॉ. एन बाला, एसके गोयल एवं डी.के शर्मा शामिल हैं। समिति ने चम्पावत बाईपास के निर्माण के संबंध में स्थानीय सर्किट हाउस में जिला प्रशासन एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर बायपास निर्माण के संबंध में समीक्षा की तथा चम्पावत जिला मुख्यालय में बनने वाले बाईपास का शक्तिपुर बुंगा क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण भी किया। इससे पूर्व चम्पावत आगमन पर जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा हेलीपैड में समिति के अध्यक्ष एवं समस्त सदस्यों का बुके देकर स्वागत किया गया।
बैठक में जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों को तीनों बाईपास चम्पावत, लोहाघाट एवं पिथौरागढ़ के बारे में जानकारी देते हुए अवगत कराया कि तीनों नगरीय क्षेत्रों में बना बाईपास का निर्माण अत्यंत आवश्यकीय है। मुख्य रूप से यह राष्ट्रीय राजमार्ग सीमांत क्षेत्र चीन सीमा तक जाने के कारण इस मार्ग में परिवहन एवं ट्रांसपोर्ट अधिक रहता है। इस कारण लगातार शहरी क्षेत्र में जाम की स्थिति रहती है। इसके मद्देनजर इनका निर्माण आवश्यकीय है। डीएम ने बताया कि वर्तमान में चम्पावत नगर के मध्य से सड़क होने के कारण अक्सर जाम की स्थिति रहने के साथ ही अन्य दिक्कतों का सामना सभी को करना पड़ता है। इसी मार्ग से चीन सीमा क्षेत्र तक सेना, अर्धसैन्य बल सहित उस क्षेत्र के वाहनों का आगमन एवं बड़े वाहन चलते हैं। साथ ही प्रसिद्ध आदि कैलाश यात्रा के संचालन के साथ ही पर्यटकों की आवाजाही भी लगातार बढ़ने से चम्पावत में जाम की समस्या बढ़ रही है। जिस हेतु बाईपास का निर्माण होना आवश्यकीय है। साथ ही जिलाधिकारी ने अवगत कराया की नगर विकास के अंतर्गत चम्पावत जिला मुख्यालय का मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है। जिसमें भी बाईपास को शामिल किया गया है।
बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य अभियंता डीके शर्मा द्वारा तीनों बाईपास के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया की चम्पावत का बाईपास 320 करोड़ की लागत से बनेगा जो 9.847 किलोमीटर लंबा होगा। इस दौरान समिति के सदस्य डॉ. संजीव कुमार गोयल, डॉ. एन बाला, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीक्षण अभियंता अरुण कुमार पाण्डे, अधिशासी अभियंता आशुतोष सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।