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चम्पावत : फल-सब्जी स्टोर करने के काम नहीं आएगा कोल्ड स्टोरेज

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चम्पावत। उत्तर प्रदेश के दौर में बने शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) को राज्य गठन के 22 साल बाद भी इस लायक नहीं बनाया जा सका है कि इसका उपयोग फल और सब्जियों को ताजा बनाए रखने में किया जा सके। आगे भी इसका उपयोग कृषि उत्पाद रखने में होने की कोई संभावना नहीं है। वहीं शासन के निर्देश के बाद इस अधूरे शीतगृह को दस साल के लिए पट्टे (लीज) पर दिया जाएगा।
जिला मुख्यालय से टनकपुर रोड पर आठ किमी दूर मुड़ियानी गांव में 19 नाली 7 मुट्ठी जमीन पर 1992 में 77.77 लाख रुपये से शीतगृह भवन का निर्माण हुआ था। मकसद था चम्पावत सहित दूसरे पहाड़ी जिले के आलू, सेब, नाशपाती और सिटरस फलों का भंडारण करना, ताकि ऑफ सीजन में इसकी बिक्री से किसानों को अच्छी कीमत मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। शीतगृह का ढांचा तो बना लेकिन तापमान को अनुकूल रखने के लिए न प्रशीतन (रेफ्रिजरेशन) लगा और न लकड़ी का काम ही हुआ। नतीजतन मोटी रकम खर्च करने के बाद भी दो हजार मीट्रिक टन क्षमता वाला भवन जिस काम के लिए बनाया गया था वह पूरा नहीं हुआ। अब शासन ने इस शीतगृह को पट्टे पर देने का निर्णय लिया है। कृषि एवं कृषक कल्याण सचिव ने सात सितंबर को इस शीतगृह को दस सालों के लिए पट्टे और किराए पर देने के लिए प्रस्तावित किया है। पट्टे को वर्षवार अधिकतम किराए की दर के आधार पर दिया जाएगा।

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कई विभागों ने किया शीतगृह का उपयोग
चम्पावत। इस शीतगृह का उपयोग फल-सब्जी रखने को छोड़ कई अन्य तरीकों से हुआ है। सितंबर 1997 में जिला बनने के तुरंत बाद कुछ समय तक इसका उपयोग पुलिस लाइन के रूप में हुआ। इसके बाद पूर्ति विभाग के खाद्य गोदाम के रूप में, वर्ष 2009 से 2015 तक अल्मोड़ा की विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने भवन का इस्तेमाल बीज और खाद्य प्रसंस्करण के लिए किया। इसके बाद 2017-18 में खटीमा के एक व्यक्ति को पट्टे दिया गया था।

चम्पावत जिले में उत्पादित फल
चम्पावत जिले में सिटरस फल 2226 हेक्टेयर भूमि पर उत्पादित किया जाता है। जिनमें 4451 एमटी फलों का उत्पादन होता है। आलू की पैदावार 2616 हेक्टयेर भूमि की जाती है। जिसमें 4275 एमटी आलू का उत्पादन होता है। वहीं सेब 619 हेक्टेयर में उत्पादित होता है। जिसमें 639 एमटी सेब का उत्पादन होता है।

मुड़ियानी के शीतगृह को लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पट्टाधारक इसका उपयोग खेती, बागवानी या इससे संबंधित काम के लिए कर सकेगा। दस अक्तूबर को निविदा खोली जाएगी। शीतगृह को उपयोग में लाए जाने पर तकनीकी स्टाफ के अतिरिक्त अन्य कार्मिकों में से 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देना आवश्यक किया गया है।
टीएन पांडेय, जिला उद्यान अधिकारी, चम्पावत।

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