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चम्पावत : सातवें दिन भी नहीं खुला सका एनएच, डेंजर जोन स्वांला का मलवा साबित हो रहा चुनौती

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टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग स्वांला में 29 अगस्त से है बंद, चम्पावत जिले की 3 अन्य सड़कें भी हैं बंद, भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने स्वांला क्षेत्र का मुआयना किया

चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज गुरुवार को सातवें दिन भी यातायात सुचारु नहीं हो सका है। गत 29 अगस्त से डेंजर जोन स्वांला में पहाड़ी से आ रहा मलवा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। स्वांला का मलवा हटाने एनएच के इंजीनियरों के लिए चुनौती साबित हो रहा है। वहीं 2 सितंबर से NH पर धौन के पास बस्टिया गूंठ में भी भारी भरकम मलबा है।

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अधिशासी अभियंता दीपक कुमार जोशी के नेतृत्व में एनएच खंड लोहाघाट की टीम लगातार मौके में सुपरविजन कर रही है। उनका कहना है कि 100 मीटर के हिस्से में मलबा है। दो मशीनें लगाकर इसको हटाने की कवायद की जा रही है, लेकिन पहाड़ी से लगातार मलबा और पत्थर गिरने से अभी इस स्थान को खोला नहीं जा सका है। वहीं 2 सितंबर को एनएच पर स्वांला से करीब सवा किलोमीटर दूर धौन के पास बस्टियागूंठ में 125 मीटर हिस्से में भारी भरकम मलबा, पत्थर, पेड़ आ गए हैं। इस मलबे को हटाने के लिए मशीनें लगाई गई है। इन तमाम प्रयासों के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग कब खुल सकेगा? यह सवाल फिलहाल अनुत्तरित बना हुआ है। 29 अगस्त की सुबह से बंद टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 29 अगस्त की शाम 4.20 बजे सिर्फ 25 मिनट के लिए खुला। तबसे आज गुरुवार साढ़े 10 बजे तक एनएच पर टनकपुर-चम्पावत के बीच आवागमन पूरी तरह से ठप है। अलबत्ता सिप्टी- छतकोट-अमोड़ी रोड के वैकल्पिक मार्ग से हल्के वाहनों की आवाज हो रही है।

वहीं कल 3 सितंबर को उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने स्वांला क्षेत्र का मुआयना किया। हालात का जायजा लेने के साथ ही उन्होंने सड़क खोलने के लिए तेजी से अधिकतम प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने अब तक सड़क न खुल पाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एनएच बंद होने से चम्पावत जनपद के साथ ही पिथौरागढ़ का संपर्क भी कट गया है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य कर रही कार्यदाई संस्था काफी लापरवाही से कार्य कर रही है। जिसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने में भी दिक्कत पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि निर्माणदाई संस्था साल भर काम नहीं करती और और बरसात के दिनों में ही डेंजर स्थानों पर छेड़ छाड़ की जाती है। जिसके चलते मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। जिसका खामियाजा चम्पावत जिले के पर्वतीय क्षेत्र के व्यापारियों,, वाहन चालकों के साथ-साथ आम जनता को भुगतना पड़ता है। मार्ग बंद होने से फंसे हुए सैकड़ो वाहनों चालकों के लिए भी काफी दिक्कत पैदा हो गई है। 6 दिन से मार्ग बंद होने के कारण जिला मुख्यालय में आवश्यकीय वस्तुओं की भी कमी देखने को मिल रही है। पांडेय ने संबंधित अधिकारियों को जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने के कड़े निर्देश दिए।

प्रतिनिधिमंडल में विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष सुनील पुनेठा और आनंद अधिकारी शामिल थे। वहीं एनएच के अलावा चंपावत जिले की 3 अन्य रोड भी बंद हैं। 3 सितंबर की तरह ही आज 4 सितंबर को भी मौसम खुला रहा। आपदा परिचालन केंद्र के मुताबिक बीते 24 घंटे में चम्पावत जिले में कहीं भी बारिश नहीं हुई। आज 4 सितंबर को भी धूप निकली हुई है।

राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा बंद हैं ये 3 सड़कें …
गल्लागांव-देवलमाफी, टनकपुर- जौलजीबी और रीठा-अमोड़ी रोड।