चम्पावत # वन विभाग ने सुयालखर्क के जंगल में लगाया बड़ा पिंजरा


चम्पावत। रिख्वाड़ी के जंगल में चारा पत्ती लेने गई महिला को निवाला बनाने के बाद हिंसक वन्य जीव अभी भी पिंजरे में कैद नहीं हो पाया है। वन विभाग की टीम जंगलों में लगातार कांबिंग कर रही है। रविवार को विभाग ने घटना स्थल से सटे सुयालखर्क गांव के जंगल में बड़ा पिंजरा लगा दिया है। 31 जनवरी को महिला को निवाला बनाने वाले बाघ या गुलदार की जंगल में मूवमेंट नहीं दिखने से वन विभाग असमंजस में है।
चम्पावत रेंजर हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि रविवार को सुयालखर्क के जंगल में बड़ा पिंजरा लगा दिया है। पिंजरे के आसपास कैमरा ट्रैप भी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रिख्वाड़ी के जंगल में लगाया गया छोटा पिंजरा भी अभी बना रहेगा। इधर रविवार को भी चम्पावत और भिंगराड़ा रेंज के वन कर्मियों ने ग्रामीणों के साथ रिख्वाड़ी और आस-पास के जंगलों में कांबिंग की। 31 जनवरी को रिख्वाड़ी के जंगल चारा पत्ती लेने गई नघान गांव की चंद्रा जोशी को गुलदार या बाघ ने निवाला बना लिया। हिसंक वन्य जीव की मूवमेंट घटना स्थल पर कैद नहीं होने और पिंजरे में नहीं फंसने के कारण यह पता नहीं चल पा रहा है कि महिला को मारने वाला बाघ था या गुलदार । लगभग ढाई माह पूर्व ढकना बड़ोला के जंगल में भी हिसक वन्य जीव ने चारा पत्ती लेने गई महिला का निवाला बना लिया था। रिख्वाड़ी के जंगल में लगे छोटे पिंजरे में अभी तक बाघ या गुलदार कैद नहीं हो पाया है। घटना स्थल पर लगाए गए कैमरा ट्रैप में जंगली सूअरों, काकड़ और अन्य वन्य जीवों की मूवमेंट लगातार दिख रही है, लेकिन बाघ या गुलदार की मूवमेंट कैद नहीं हो पा रही है। वन विभाग के अनुसार अभी भी ढकना बडोला, डुंगरासेठी, पुनेठी, डड़ा बिष्ट, बलाई, डिंगडई, सुयालखर्क, नघान, बड़ोली, कोयाटी, लफड़ा, पल्सों, जैगाव जैतोली, मौराड़ी, घुरचुम आदि के जंगलों में गुलदार या बाघ की मूवमेंट हो सकती है। विभाग ने इन गांवों के लोगों से जंगल नहीं जाने की अपील की है।


