चम्पावत : पंचतत्व में विलीन हुईं वीरांगना मंदोदरी चिल्कोटी, 88 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
चम्पावत। 1965 में भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तानी सेना से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए शहीद शिरोमणी चिलकोटी की धर्मपत्नी वीरांगना मंदोदरी देवी का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने अंतिम सांस अपने टनकपुर के आमबाग स्थित निवास में ली।
वीरांगना मंदोदरी देवी का जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा। जिस समय पति शहीद हुए तब उनका एक पुत्र 2 साल का तथा दूसरा 6 माह के गर्भ में था। उस वक्त सिर्फ साढ़े सात रु पेंशन मिला करती थी। उन्होंने दूध सब्जी बेचकर अपने दोनों बेटों को उच्च शिक्षा दिलाकर उनके मुकाम तक पहुंचाया। वर्तमान में उनके बड़े बेटे नारायण चिलकोटी एसबीआई टनकपुर में उप प्रबन्धक हैं और छोटे बेटे जर्नादन चिलकोटी एसबीआई आरएसीसी कोटद्वार में मुख्य प्रबन्धक के पद पर कार्यरत हैं।
वीरांगना अपनी पेंशन से प्राप्त धनराशि सामाजिक कार्यों में लगाती थीं। उन्होंने अपनी पेंशन इक्कठा कर चम्पावत के छतार में डेढ़ नाली जमीन 12 लाख रुपये में खरीदकर अपने पति की याद में पार्क के लिए पर्यटन विभाग को सौंपी। जिसमें विभाग द्वारा ‘शहीद शिरोमणी चिलकोटी चिल्ड्रन पार्क’ का निर्माण किया गया है। उनकी ओर से कोविड काल में 51000 रुपये का जिला रेडक्रास सोसायटी में सहयोग किया गया था।