चम्पावत : मासूम के नाक में फंसी बटन बैटरी, जिला अस्पताल के डॉक्टर ने दिया नया जीवन
चम्पावत। खेल खेल में एक ढाई वर्षीय बच्चे की नाक में बटन बैटरी (हाथ की घड़ी का सेल) फंस गया। जिससे बच्चे को सांस लेने में खासी परेशानी होने लगी। बच्चे की हालत बिगड़ती देख परिजन आनन फानन में उसे जिला अस्पताल ले गए। जांच के बाद जब चिकित्सकों को जब हालात की जानकारी हुई तो उन्होंने ऑपरेशन करने का फैसला लिया। जिला अस्पताल में ढाई वर्षीय बच्चे का दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर चिकित्सक ने नाक में फंसी बटन बैटरी निकालकर उसे नया जीवन प्रदान किया। ऑपरेशन एक घंटे से अधिक समय तक चला। बच्चे की नाक से बटन बैटरी निकलने के बाद परिजनों के साथ ही चिकित्सक व उनकी टीम ने राहत की सांस ली।

जिला अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र चौहान ने बताया है कि दूरस्थ गांव मंच तामली क्षेत्र के एक बच्चे ने नौ जुलाई (बुधवार) को अपनी नाक में बटन बैटरी फंसा ली थी। इसके बाद परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। बच्चे की हालत देखकर नाक में फंसी बैटरी तत्काल निकालनी जरूरी थी। डॉ. चौहान ने बताया कि परिजन काफी दूर से बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे थे, जिसकी वजह से बैटरी से नाक की त्वचा को नुकसान पहुंच गया था। यह एक गंभीर चिकित्सा आपातस्थिति थी। इसलिए इमरजेंसी में ऑपरेशन कर बच्चे के नाक में फंसी बैटरी दूरबीन विधि से निकाली गई। उनका कहना है कि अब बच्चे की स्थिति सामान्य है और उसे परिजनों के साथ घर भेज दिया है।

लापरवाही बच्चों पर पड़ सकती है भारी…
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र चौहान ने बताया कि बटन बैटरी यदि नाक में फंस जाए तो इससे गंभीर समस्या हो सकती है। बैटरी में मौजूद रसायन नाक के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और जलन या नाक को क्षति पहुंचा सकते हैं। बैटरी के फंसने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
ये उपाय करें
- जितनी जल्दी हो सके, डॉक्टर या आपातकालीन चिकित्सा पेशेवर से संपर्क करें
- बैटरी को स्वयं निकालने की कोशिश न करें। इससे स्थिति और खराब हो सकती है
- डॉक्टर को बताएं कि बैटरी किस प्रकार की है और यह कितने समय से फंसी हुई
- चिकित्सक की ओर से दिए गए निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें।
- बटन बैटरियों या इस तरह की चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।



