चम्पावत : पल भर में उजाड़ जैसी हो गई पर्यटकों से गुजलार रहने वाली ‘कोली ढेक झील’, जानें क्या रही वजह
चम्पावत। लोहाघाट के कोली ढेक में बनी झील जब से आम लोगों के लिए खुली और उसमें नावों का संचालन शुरू हुआ, वह आसपास के लोगों के साथ ही पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गई है। हमेशा पर्यटकों से गुलजार रहने वाली कोली ढेक झील पल भर में उजाड़ जैसी हो गई। वजह रही सिंचाई विभाग द्वारा अचानक झील का पानी छोड़ना। जिसकी वजह से नौका का संचालन तो बंद हुआ ही, नौका संचालकों को अच्छा खासा नुकसान भी हो गया है।
लोहाघाट के कोली ढेक झील का निर्माण सिंचाई विभाग की ओर से किया गया है। उसकी देखरेख का जिम्मा भी सिंचाई विभाग के पास ही है। सिंचाई विभाग ने कोली ढेक झील का पानी अचानक छोड़ने पर नाव संचालकों को लाखों का नुकसान हो गया है। झील में नौका संचालन बंद होने से कई पर्यटक मायूस होकर लौटे। बताया जा रहा है कि झील में रिपेयरिंग कार्य पूरा होने के बाद ही नौका संचालन शुरू होगा। सोमवार को नौका संचालन संघ के अध्यक्ष रोहित ढेक के नेतृत्व समस्त नाव संचालकों ने सिंचाई विभाग कार्यालय जाकर बगैर सूचना के झील का पानी छोड़ने पर गहरी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा झील का अचानक पानी छोड़ने पर झील के पानी का स्तर नीचे आने से उनकी नाव कीचड़, पत्थर आदि में फंस गई और कई नावों को नुकसान हुआ है। इसके अलावा 60-60 हजार रुपये की लागत के जार्मिंग गुब्बारे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं नाव क्षतिग्रस्त होने से नाव संचालकों को करीब एक से डेढ लाख रुपये का नुकसान हो गया है। उन्होंने बताया कि किसी तरह से ऋण लेकर उन्होंने नौका का रोजगार शुरू किया था, लेकिन झील का पानी छोड़ने से नौका संचालन भी ठप हो गया है। जिस कारण दूर-दूर से आए कई पर्यटक वापस लौटे। उन्होंने कहा भविष्य में जब भी विभाग झील से पानी की निकासी आदि करें तो पूर्व में वह इसकी सूचना नौका संचालकों को दें, जिससे वह पहले से ही अपनी नौकाओं को सुरक्षित स्थानों पर रख लें। वहीं नौका संचालकों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर भविष्य में सिंचाई विभाग इस प्रकार की हरकतें करेगा तो सभी नौका संचालक सिंचाई विभाग के खिलाफ आंदोलन छोड़ देंगे। उन्होंने सिंचाई विभाग से क्षतिग्रस्त नौकाओं का मुआवजा देने की मांग की है। वहीं सिंचाई विभाग के अभियंता अमित उप्रेती ने बताया कि लगातार बारिश होने से झील का जल स्तर काफी बढ गया था। जिस कारण झील के गेट खोलने पड़े। इसकी सूचना पूर्व में नौका संचालकों को दे दी गई थी।
उप्रेती ने बताया है कि झील में गेट की मरम्मत करने के लिए रुड़की से टीम आ रही है। फिलहाल झील में नौका संचालन को रोक दिया गया है। उप्रेती ने बताया कि भविष्य में झील का पानी छोड़ने से पहले नौका संचालकों को विधिवत सूचित किया जाएगा। जल्द झील में नौकायन शुरू करवाया जाएगा। उप्रेती ने कहा अभी झील का जलस्तर डेढ़ मीटर और नीचे जाएगा। नाराजगी जताने वालों में दीपक फर्त्याल, मोहित ढेक, रितिक ढेक, लोहित खोलिया, सुनील ढेक, राहुल ढेक, अमित ढेक, निर्मल ढेक, कलीम खान, मनीष देव, प्रकाश ढेक, जीवन बोहरा, गिरीश ढेक, सतीश माहरा, रवि ढेक आदि मौजूद रहे।