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चम्पावत: लीसा फैक्ट्री परिसर की जमीन सेना को देने की पेशकश, गोरल चौड़ मैदान में बनना है स्टेडियम

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चम्पावत। गोरलचौड़ मैदान को विस्तार देकर स्टेडियम का रूप देने की फिर कवायद शुरू की गई है। इसके लिए गोरलचौड़ मैदान से लगी सेना की जमीन की अदला बदली के लिए जिला प्रशासन ने नया प्रस्ताव भेजा है। सेना ने अगर नए प्रस्ताव पर सहमति जताई तो आगे का रास्ता साफ हो जाएगा।

वर्ष 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश चंद्र पोखरियाल निशंक के एलान के बाद से चम्पावत में स्टेडियम की कवायद चल रही है। स्टेडियम के लिए 200 नाली जमीन नहीं मिलने से ये घोषणा 12 साल से अधिक समय से जमीनी रूप नहीं ले सकी। चार साल पूर्व गोरलचौड़ मैदान को विस्तार देकर स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके लिए मैदान के आसपास की सेना की 77 नाली जमीन खेल विभाग को हस्तांतरित करने पर मंत्रणा हुई। मैदान के पास की जमीन के बदले जूप पटवा में जमीन देने का प्रस्ताव सेना की ओर से नामंजूर कर दिया गया था। अब जिला प्रशासन ने फिर से पहल की है। उसकी ओर से टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे लीसा फैक्ट्री यानी कि रोजिन फैक्टरी परिसर पर जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव को रक्षा संपदा विभाग देहरादून भेजा गया है। रोजिन फैक्टरी 2005 में बंद हो चुकी है। डीएम चम्पावत नवनीत पांडे ने कहा है कि गोरलचौड़ मैदान से लगी फौज की जमीन की अदला-बदली का नया प्रस्ताव रक्षा संपदा अधिकारी देहरादून को भेजा गया है। फौज को रोजिन फैक्टरी की जमीन वाला प्रस्ताव अनुकूल लगने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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