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चम्पावत : राष्ट्रीय प्रेस दिवस हुआ गोष्ठी का आयोजन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया के रूप विषय पर की चर्चा

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चम्पावत। राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर गुरुवार को जिला सूचना कार्यालय सभागार में वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त पांडेय की अध्यक्षता में ‘कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया के रूप’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें पत्रकारों ने विचार प्रस्तुत किये। जिला सूचना अधिकारी गिरिजा शंकर जोशी ने गोष्ठि में उपस्थित सभी पत्रकारों का स्वागत करते हुए अपने विचार रखते हुए कहा कि मशीनों के इस युग में मशीनों द्वारा ही कार्य हो रहा है। एक ओर जहां यह लाभदायक है तो एक ओर यह नुकसानदायक भी है। आज के समय में हम हर प्रकार से इस पर निर्भर होते जा रहे हैं। दुनिया भर के विभिन्न मीडिया संस्थानों और समाचार एजेंसियों में अब कंप्यूटर का एक खास उपयोग हो रहा है। खेल, मौसम, कॉरपोरेट कंपनियों के प्रदर्शन जैसे विषयों को कंप्यूटर के भरोसे छोड़ दिया गया है। हैरानी की बात है कि कई मामलों में पत्रकारों की अपेक्षा कंप्यूटर का काम अधिक व्यापक होता दिख रहा है। कई बार एक पत्रकार की खबर किसी एकल-स्रोत पर आधारित होती है। जबकि कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर विभिन्न स्रोतों से डेटा आयात करके खबरों को प्रस्तुत कर रहा हैं।

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पत्रकार हरीश पांडेय ने कहा कि कृतिम मेधा से जो लेख प्रकाशित हो रहे हैं उनमें सच्चाई से अधिक फर्जी खबरें भी हैं। पत्रकार गिरीश बिष्ट ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) रिपोर्टर रखा गया है जो राष्ट्रीय चेनल में खबरें बताता है। इसके अतिरिक्त सन्तोष जोशी, सूरी पंत, बीसी जोशी, दिनेश चंद्र पांडेय ने उक्त विषय पर अपने अपने विचार रखें। रितिक भण्डारी ने कहा कि AI के इस दौर में पत्रकारों ले लिए जिम्मेदारी बढ़ गयी हैं। हमें बढ़ती फर्जी खबरों को पहचानना होगा। पत्रकार चंद्रशेखर जोशी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया उद्योग एआई से बहुत प्रभावित हुआ है, चाहे वह समाचार, फिल्में, संगीत, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से सूचना का प्रसार हो। मेटाडेटा की टैगिंग ने पत्रकारिता को डेटा-संचालित और प्रभावी बना दिया है, हमें फेक न्यूज़ और फैक्ट न्यूज़ में अंतर रखने की आवश्यकता है। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त पांडेय ने उक्त विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संभावित दुरुपयोग या अनपेक्षित परिणामों के बारे में चिंताओं ने मानकों की जांच और विकास के प्रयासों को प्रेरित किया है। साथ ही पत्रकारिता को भी प्रभावित किया है, परंतु सभी पत्रकारों को अपने कार्य (पत्रकारिता) का दोहन करते रहना चाहिए। गोष्ठी का संचालन सतीश चंद्र जोशी द्वारा किया गया। इस अवसर पर जनपद मुख्यालय के पत्रकार उपस्थित रहे।

गौरतलब हो कि पत्रकारिता के ऊंचे आदर्श स्थापित करने व प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने के उद्देश्य से 4 जुलाई 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी। लेकिन इस परिषद ने 16 नवंबर 1966 से विधिवत तरीके से काम करना शुरू किया था। इस कारण हर साल 16 नवंबर को राष्‍ट्रीय प्रेस डे मनाया जाता है। यह दिन एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्रतीक है।

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नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड