चम्पावत : तेंदुए के हमले से सिप्टी में नेपाली मजदूर जख्मी
चम्पावत। नगर से 20 किमी दूर सिप्टी में सड़क के पास तेंदुए ने हमला कर एक नेपाली मजदूर को जख्मी कर दिया। तेंदुए से मुकाबला करने के बाद मजदूर ने भागकर जान बचाई। घायल मजदूर को आनन फानन जिला अस्पताल लाया गया। डीएफओ आरसी कांडपाल ने अस्पताल जाकर मजदूर को पांच हजार रुपये की फौरी सहायता दी जबकि प्रपत्र जमा होने के बाद 45,000 रुपये और दिए जाएंगे।
सिप्टी क्षेत्र में सिप्टी-सैंदर्क सड़क से करीब 100 मीटर की दूरी पर जंतोला में रविवार सुबह कुछ मजदूर काम करने जा रहे थे। तभी तेंदुए ने डडेलधूरा नेपाल निवासी मजदूर गणेश बिष्ट (53) पर हमला बोल दिया। वह अन्य मजदूरों से करीब 15 मीटर आगे जा रहा था। सिर पर हुए तेंदुए के हमले से घायल मजदूर पेट के बल गिर गया। इसके बावजूद उसने बहादुरी से तेंदुए का सामना किया। इस बीच दूसरे मजदूरों ने शोर मचाया। वीरभद्र और वीरेंद्र ने फावड़े-बेलचे दिखाकर तेंदुए को भगाया। इससे तेंदुआ गणेश को छोड़ कर भाग गया। वन दरोगा संजय त्रिपाठी ने बताया कि मजदूर की हालत खतरे से बाहर है।
ट्रेंकुलाइजर गन लेकर पहुंचा विशेषज्ञ दल
चम्पावत। तेंदुए की दस्तक से सिप्टी क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन कर्मियों ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। सिप्टी क्षेत्र में पिछले सप्ताह पिंजरा लगाया गया था, लेकिन तेंदुआ पिंजरे में नहीं फंस पाया है। अब वन विभाग तेंदुए को पकड़ने के लिए दूसरे उपाय कर रहा है। डीएफओ आरसी कांडपाल ने बताया कि अब ट्रेंकुलाइजर गन का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए रानीबाग से विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु पांगती के नेतृत्व में वन विभाग की टीम देर शाम चम्पावत पहुंच गई है।
एक साल में पांच लोगों को जख्मी कर चुका तेंदुआ
चम्पावत। सिप्टी समेत सूखीढांग, बड़ोली, बाराकोट आदि क्षेत्र में तेंदुए की दहशत है। सिप्टी-अमकड़िया सड़क के आसपास 24 नवंबर से तेंदुआ नजर आ रहा था। पीएलवी गोविंद सिंह के प्रयास के बाद वन विभाग ने वहां पिंजरा लगाया लेकिन तेंदुआ नहीं पकड़ा जा सका। बाराकोट, सूखीढांग क्षेत्र में नवंबर में ही दो बार बाइक सवारों पर तेंदुआ झपट चुका है। जिले में तेंदुए के हमले में एक साल में दो महिलाओं की मौत हुई है जबकि पांच लोग जख्मी भी हुए हैं। मवेशियों पर हमले के 276 मामले दर्ज हैं। जिले में 76 तेंदुए हैं लेकिन इनमें से किसी को भी नरभक्षी घोषित नहीं किया गया है।