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चम्पावत : अब मुफ्त में नहीं उठाया जा सकेगा चाय बागान का ‘लुत्फ’, शुल्क तय

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चम्पावत। चम्पावत का चाय बागान पर्यटकों को खासा लुभा रहा है। आज तक चाय बागान की सैर पर्यटक व स्थानीय लोग मुफ्त में कर पा रहे थे, लेकिन अब चाय बागान का लुत्फ ‘मुफ्त’ में नहीं उठाया जा सकेगा। अब चाय बागान का दीदार करने पहुंचने वालों के लिए शुल्क की व्यवस्था लागू कर दी गई है।

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चम्पावत जिले का चाय कि लिए खूब नाम है। यहां के पहाड़ी इलाकों में 241 हेक्टेयर में 60 हजार किलो चाय की पत्तियों का उत्पादन होता है। इन पत्तियों से करीब 9 से 10 हजार किलो चाय तैयार होती है। इन्हीं चाय बागानों में चम्पावत के पास सिलिंगटाक के 21 हेक्टेयर चाय बागान क्षेत्र में से चार हेक्टेयर को टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया हैा। 1.05 करोड़ रुपये से बागान के इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए तैयार किया गया। इसमें भ्रमण के अलावा सैलानियों के लिए खूबसूरत नजारों को देखने के लिए व्यू प्वाइंट बनाए गए हैं। यहां से दूर दूर तक खूबसूरत दृश्यों का आनंद लिया जा सकेगा। पिछले महीने तक बागान के सौंदर्य को देखने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता था, लेकिन अब हर सैलानी को 45 मिनट तक बागान में घूमने के लिए 20 रुपये देने होंगे। 12 साल तक के बच्चों को इस शुल्क से राहत दी गई है।

ईको हट में जल्द रात गुजार सकेंगे सैलानी
चम्पावत। चाय बागान में जल्द ही ईको हट में पर्यटक रात्रि विश्राम कर सकेंगे। बागान में तीन ईको हट बनाए गए हैं। साथ ही टी कैफे भी है। कैफे में जैविक चाय के अलावा सात्विक भोजन उपलब्ध रहेगा। चाय विकास बोर्ड के प्रभारी राकेश कुमार का कहना है कि इन दोनों की निविदा हो चुकी है। एक महीने में इनका संचालन हो जाएगा।

चाय बागान में प्रवेश के लिए 12 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को 20 रुपये का टिकट लेना होगा। यह व्यवस्था चार जुलाई से लागू कर दी गई है। बागान के भीतर मद्यपान और धूम्रपान निषेध है। राकेश कुमार, प्रभारी, चाय विकास बोर्ड, चम्पावत

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