क्राइमजनपद चम्पावत

चम्पावत: दुष्कर्म के दो दोषियों को सश्रम कैद, महिला आरोपी को किया दोषमुक्त

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चम्पावत। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कहकशा खान ने पॉक्सो अधिनियम से संबंधित मामले में दो आरोपियों को दोषी पाते हुए सश्रम कैद की सजा सुनाई है। एक अभियुक्त को दस साल और दूसरे अभियुक्त को सात साल सश्रम कारावास के साथ ही तीस तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर अभियुक्तों को अतिरिक्त कारावास की सजा भोगनी पड़ेगी। मामले मे एक महिला आरोपी को दोषमुक्त किया गया।

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सात अप्रैल 2018 को जिला बाल कल्याण समिति की ओर से बनबसा में संदिग्ध हाल में घूम रहीं दो नाबालिगों को उज्जवला पुनर्वास केंद्र के संरक्षण में रखा गया था। जहां समिति की ओर से की गई काउंसिलिंग में नाबालिगों ने अपने बयानों में सुषमा चौहान पत्नी गौरव चौहान निवासी बोरागोठ, रमेश राम पुत्र शोभन राम निवासी ककरालीगेट और राहुल पुत्र त्रिलोक सिंह के ऊपर दुष्कर्म करने और अनैतिक देह व्यापार कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने सुषमा के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 370 क, 506 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6, रमेश राम और राहुल राम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 506 एवं पॉक्सो अधिनियम की धारा 3/4 में मामला दर्ज कर न्यायालय के समक्ष पेश किया।

मामले में उभय पक्षों की दलीलों और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जिला जज ने आरोपी सुषमा चौहान को दोषमुक्त करते हुए रमेश राम को धारा 376 में 10 साल सश्रम कैद, 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। इसी प्रकार अभियुक्त राहुल को आईपीसी की धारा 376 में सात साल सश्रम कैद और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भोगनी होगी। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी बीडी जोशी और विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो केएस राणा ने पैरवी की।

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