चम्पावत : जनपद के 185 स्कूल के प्रधानाचार्यों का रोका गया वेतन, वजह जानें

चम्पावत। जनपद में धन के उपयोग की सुस्त गति के कारण 185 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों के वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए हैं। विभिन्न मदों पर व्यय करने में फिसड्डी रहने के चलते मुख्य शिक्षाधिकारी आरसी पुरोहित ने ये आदेश दिए हैं। उन्होंने शनिवार को जिले के सभी विकासखंडों के खंड शिक्षाधिकारियों और उप शिक्षाधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी किया है।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और जीआईसी-जीजीआईसी को मिलाकर जिले में 681 विद्यालय हैं। इनमें से 185 विद्यालयों ने विभिन्न मदों पर धन का उपयोग करने में हीलाहवाली की है। ये राशि टैबलेट, ड्रेस, इको क्लब, खेल, निर्माण सहित कई मदों पर उपयोग की जानी थी। सीईओ ने बताया है कि केंद्र सरकार से विभिन्न मदों पर 2023-24 में प्राप्त 7.23 करोड़ रुपये में से जुलाई तक सिर्फ ढाई करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं। कम व्यय की वजह से भारत सरकार से वार्षिक कार्ययोजना और अन्य बजट में धनराशि अवमुक्त नहीं हो पा रही है। इस कारण खर्च की कमतर स्थिति वाले 185 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के अगस्त के वेतन को आहरित नहीं करने के आदेश दिए गए हैं।
कहा है कि जिले के सभी सरकारी विद्यालयों को समय पर उनकी जरूरत के अनुरूप बजट दिया गया था लेकिन 185 विद्यालयों ने इसके उपयोग में ढिलाई की है। समय पर धन खर्च नहीं होने से विद्यालय की जरूरत और शैक्षिक गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। इस कारण इन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के अगस्त का वेतन अगले आदेश तक रोकने के सभी खंड शिक्षाधिकारी और उप शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
