जनपद चम्पावत

चम्पावत: सब्जी में कीड़े देख भड़के छात्रावास के छात्र, भूख हड़ताल पर बैठे, ठेकेदार बदलने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

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चम्पावत। लोहाघाट के डॉ. बीआर अंबेडकर छात्रावास में घटिया भोजन मिलने से छात्र भड़क गए। मंगलवार को 13 किलोमीटर दूर चम्पावत कलक्ट्रेट पहुंचकर छात्रों ने प्रदर्शन कर गुणवत्तायुक्त भोजन देने की मांग उठाई। छात्रों ने कहा कि रविवार रात बैगन की सब्जी में कीड़े मिलने की शिकायत के बावजूद खाने में सुधार नहीं किया गया। इसके विरोध में रविवार रात से भूख हड़ताल शुरू कर दी। छात्रों ने भोजन व्यवस्था के लिए अधिकृत ठेकेदार को बदलने और खाने में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। बाद में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के समझाने पर मंगलवार शाम छात्रों ने भूख हड़ताल खत्म कर दी।
छात्रावास के छात्रों ने साथी विनोद कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को यहां प्रदर्शन के बाद डीएम को ज्ञापन सौंपकर भोजन और छात्रावास की अन्य व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की। छात्रों ने खाने की गुणवत्ता के घटिया होने के अलावा सफाई की कमी और रविवार रात में सब्जी में कीड़े मिलने की बात कही। कहा कि विरोध में वे रविवार रात से ही भूख हड़ताल पर हैं। अभिषेक, संजय कुमार सहित कई छात्रों ने खाने की गुणवत्ता के अलावा भोजन ठेकेदार के व्यवहार पर भी अंगुली उठाई।
प्रदर्शन करने वालों में रोहित कुमार, राजीव, चंद्रशेखर, अशोक कुमार, संजय कुमार, अभिषेक कुमार, संदीप कुमार, अमित कुमार, रवि शंकर आदि शामिल थे। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने व्यवस्था में सुधार के लिए निदेशालय में बात करने का भरोसा दिया। बाद में मंगलवार शाम को अधिकारियों के समझाने पर छात्रों ने भूख हड़ताल तोड़ दी। पिछले तीन साल में छात्रों का भोजन की व्यवस्था को लेकर यह तीसरा प्रदर्शन है। इधर, मामले में छात्रावास के प्रभारी अधीक्षक एडीओ एमडी भट्ट का कहना है कि रविवार रात खाने में कीड़े की शिकायत पर दोबारा भोजन तैयार कराया गया, लेकिन अधिकतर छात्रों ने भोजन नहीं किया।

छात्रों की खुराक के लिए छात्रावास के पास नहीं है बजट
चम्पावत। सामान्य रूप से 18 साल के एक युवा को एक दिन में 2400 कैलोरी चाहिए। इसके लिए दो वक्त का भोजन, एक समय के नाश्ते के अलावा दो समय की चाय के लिए कम से कम 150 रुपये चाहिए, लेकिन लोहाघाट के छात्रावास में इसके लिए सिर्फ 69 रुपये का बजट है और भोजन की गुणवत्ता को लेकर विवाद का मुख्य कारण भी खाने के बजट का कम होना है। उत्तर प्रदेश के दौर में वर्ष 1994 में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत बने लोहाघाट के डॉ. बीआर अंबेडकर छात्रावास में अनुसूचित जाति के छात्रों को निशुल्क भोजन और आवास की व्यवस्था है। मुख्य रूप से डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को इसमें दाखिला मिलता है। 48 की क्षमता वाले इस छात्रावास में फिलहाल 46 छात्र हैं।
छात्रावास के प्रभारी अधीक्षक एडीओ एमडी भट्ट कहते हैं कि भोजन की वर्तमान दरें वर्ष 2012 से हैं। प्रति छात्र प्रतिदिन 69 रुपये में खाना दिया जाता है। भोजन के अलावा सफाई और अन्य दिक्कतों को भी छात्र उठाते रहे हैं। खानपान की खामी के अलावा छात्रावास में कुछ अन्य दिक्कतों को भी छात्र उजागर करते हैं। पदों की कमी से लेकर पुस्तकालय में पुस्तकों की कमी तक कई समस्याएं भी हैं। वार्डन का ही पद खाली नहीं है बल्कि चतुर्थ श्रेणी के चार कर्मियों के सापेक्ष दो से ही काम चल रहा है। पर्यावरण मित्र के नहीं होने से भी समस्या बढ़ रही है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी आरएस सामंत का कहना है कि छात्रावास में प्रति छात्र बजट बढ़ाने के लिए कई बार निदेशालय को पत्र भेजा गया है। फिलहाल 69 रुपये प्रति छात्र प्रतिदिन के आधार पर भोजन की व्यवस्था है। कम राशि होने से भोजन के लिए ठेकेदार भी नहीं आते हैं। मंगलवार को छात्रों की आपत्ति के बाद वर्तमान ठेकेदार को हटाते हुए राजीव नवोदय स्कूल के ठेकेदार के जरिए भोजन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। साथ ही छात्रों को भूख हड़ताल खत्म कर भोजन के लिए सहमत कर लिया गया है। छात्रों की मांग पर पुस्तकालय के लिए भी नई पुस्तकों की व्यवस्था की जा रही है।

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