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चम्पावत : ‘तुझ पर उठी हर निगाह का अस्तित्व मैं मिटा दूंगा… टिप्पणी के साथ कोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी भाई को 25 साल की सजा सुनाई

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चम्पावत। ‘तुझ पर उठी हर निगाह का अस्तित्व मैं मिटा दूंगा, जब भी पड़ेगी तुझे जरूरत, तेरे साथ खड़ा रहूंगा…। भाई-बहन का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है। जब इस पवित्र रिश्ते को एक भाई ने कलंकित किया तो अदालत ने पीड़ित बहन के यह विश्वास दिलाया कि जब भी पड़ेगी तुझे जरूरत, तेरे साथ खड़ा रहूंगा। नाबालिग बहन से दुष्कर्म के दोषी को सजा सुनाते हुए यह टिप्पणी चम्पावत के विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने की। कोर्ट ने 23 वर्षीय दोषी भाई को 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

अदालत ने अभियुक्त पर लैंगिक हिंसा से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न चुकाने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अदालत ने अवयस्क और अविवाहित पीड़िता के गर्भवती होने की सूचना पुलिस को न देने पर निजी अस्पताल को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने अस्पताल के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट की धारा-19 में प्राथमिकी करते हुए जांच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

अभियाेजन पक्ष के अनुसार क्षेत्र की 17 वर्षीय पीड़िता ने 29 जनवरी 2024 में टनकपुर के तुषार अस्पताल में एक शिशु को जन्म दिया। प्रसव होने से 10 दिन पहले पेट में दर्द होने पर पीड़िता को निजी अस्पताल में दिखाया गया। तब मां को बेटी के गर्भवती होने की जानकारी हुई। पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि उसके बड़े भाई ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए जिससे वह गर्भवती हो गई। डर और लोकलाज की वजह से उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। प्रसव होने के बाद पीड़िता के पिता ने हिम्मत दिखाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई।


पुलिस ने जांच के बाद 30 जनवरी 2024 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। डीएनए जांच में इस बात की पुष्टि भी हो गई कि आरोपी ही शिशु का पिता है। अभियोजन पक्ष ने आरोप सिद्ध करने के लिए सात गवाह और 27 साक्ष्य प्रस्तुत किए। सभी गवाहों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने दोषी को उक्त सजा सुनाई। अदालत ने टनकपुर के तुषार अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय सुनाया। अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अस्पताल प्रशासन ने बच्ची के विरुद्ध यौन अपराध होने की जानकारी छुपाई। संबंधित जांच के बाद कोर्ट ने रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

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