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चम्पावत का गोल्ज्यू महोत्सव राजकीय मेला घोषित

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चम्पावत। राज्य सरकार ने मुख्यालय के गोरलचौड़ मैदान में नगर पालिका की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले गोल्ज्यू महोत्सव को राजकीय मेला घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीती चार जुलाई को क्षेत्र भ्रमण के दौरान गोल्ज्यू महोत्सव को राजकीय मेले का दर्जा देने की घोषणा की थी। अब संस्कृति निदेशालय की ओर से गोल्ज्यू महोत्सव को राजकीय मेला घोषित किए जाने संबंधी शासनादेश जारी कर दिया गया है।

अब संस्कृति निदेशालय की ओर से महोत्सव के आयोजन के लिए जिला प्रशासन को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि गोल्ज्यू महोत्सव को विभागीय मेला सूची में शामिल किया गया है। राजकीय घोषित मेलों में संस्कृति विभाग की ओर से दो प्रकार से सहभागिता की जाती है। इसमें मेला समिति की मांग पर पंजीकृत सांस्कृतिक दलों को अनुबंधित कर भेजा जाता है और मेला समिति की ओर से आर्थिक सहायता की मांग किए जाने पर मानक मद में उपलब्ध धनराशि के अंतर्गत डीएम के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

बग्वाल मेले को भी घोषित किया गया है राजकीय मेला
चम्पावत। जिले में उत्तर भारत के प्रमुख देवी शक्तिपीठ मां पूर्णागरि धाम और देवीधुरा के विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेले को राजकीय मेला घोषित किया जा चुका है। पूर्णागिरि धाम में जहां मेले को बारहमासी बनाए जाने के प्रस्ताव पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। वहीं एक वर्ष पूर्व देवीधुरा के बग्वाल मेले को भी राजकीय मेले के तहत अनुदान की प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है।