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मुख्यमंत्री की परिकल्पना जनपद चम्पावत को ‘आदर्श जनपद’ बनाए जाने को रिजल्ट ओरिएंटेशन और गुड गवर्नेंस आधारित कार्य योजनाओं पर किया जाए कार्य : आर मीनाक्षी सुंदरम

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चम्पावत। सचिव नियोजन व उत्तराखंड सेतु आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जिला कार्यालय सभागार में जनपद के शारदा कॉरिडोर, आदर्श चम्पावत, गोलज्यू कोरिडोर, सिटी प्लाजा, पर्यटन विकास हेतु स्वदेश दर्शन के अंर्तगत विभिन्न एजेंसियों व जिला प्रशासन द्वारा तैयार परियोजना पर जिला प्रशासन के अधिकारियों व उत्तराखंड सेतु आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि विकास के लिए केवल धन खर्च करना ही नहीं बल्कि जिनके लिए यह कार्य किए गए हैं उनसे उन लोगों को कितना लाभ मिला है इससे लक्ष्य बनाते हुए ही विकास का स्वरूप तैयार किया जाना चाहिए। हमारे विकास की हर परिकल्पना के पीछे रोजगार एवं स्थानीय जरूर एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की भावना को शामिल किया जाना चाहिए।

इससे पूर्व जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा जनपद आगमन पर उनका स्वागत करते हुए जनपद में संचालित विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी के साथ ही गोलज्यू कोरिडोर तथा शारदा कॉरिडोर के संबंध में जनपद स्तर पर की जा रही कार्यवाही तथा आदर्श जनपद हेतु प्रस्तावित विभिन्न परियोजनाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
इस संबंध में वर्तमान तक कंसलटेंट एजेंसी मैकेंजी द्वारा तैयार की जा रही डीपीआर के संबंध में विस्तार से जानकारी ली गई। इसके अतिरिक्त जनपद चम्पावत को आदर्श जिले के रूप में विकसित करने हेतु विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।

बैठक में पीपीटी के माध्यम से मुख्यमंत्री द्वारा जिला मुख्यालय के गोरल चौड़ क्षेत्र के लिए की गई विभिन्न घोषणाओं को सम्मिलित करते हुए तैयार की गई गोलज्यू कॉरिडोर के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र में सेना की जो भूमि है उसे लेने हेतु प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा जा रहा है जिसकी कार्यवाही गतिमान है। सचिव ने कहा कि शीघ्र ही प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें ताकि शीघ्र परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर धनराशि जारी की जा सके। उन्होंने कहा की चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए हर कार्य में आधुनिक तकनीक का समावेश करने के बाद भी योजनाओं कार्य को संचालित करने के बाद अनिवार्य रूप से इस बात की समीक्षा की जानी चाहिए की योजना का क्या प्रभाव पड़ा है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने अवगत कराया की उक्त परियोजना की लागत लगभग अनुमानित 350 करोड़ तक आएगी।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जिला मुख्यालय में स्थित रोडवेज बस अड्डा स्थल पर प्रस्तावित सिटी प्लाजा/ बहुउद्देशीय भवन के निर्माण हेतु तैयार किए गए किए गए प्रस्ताव की पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई। परियोजना अंतर्गत इसमें रोडवेज बस अड्डा के अतिरिक्त वाहन पार्किंग, व्यावसायिक परिसर, मल्टीप्लेक्स का निर्माण प्रस्तावित है। सचिव नियोजन ने कहा कि परियोजनाओं को तैयार करते समय पूर्व में स्थल का भू- सर्वेक्षण अवश्य कर लिया जाए। साथ ही नगर की भविष्य की जनसंख्या को देखते हुए सभी सुविधायुक्त प्रस्ताव तैयार किए जाएं। चम्पावत में विभिन्न नैसर्गिक सुंदरता व्याप्त है जो पर्यटकों का मन मोह लेती है। जनपद में पर्यटन के क्षेत्र में अभिनव से अभिनव प्रयास किए जाने हेतु जनपद में टी टूरिज्म, साहसिक पर्यटन, एंगलिंग, राफ्टिंग, इको टूरिज्म, मानसखंड मंदिर माला को भी इसमें शामिल किया जाए,पर्यटन स्थलों में सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं विकसित हों, ताकि पर्यटन के क्षेत्र में जनपद चंपावत पर्यटन का हब बन विश्व पटल पर अपना एक अलग स्थान रखे। इसके अतिरिक्त आम जनता को अपनी योजनाओं के बारे में आसानी से पता हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए।?

पर्यटन गतिविधियों से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो जिससे यहां की आर्थिकी में इजाफा हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए कार्य प्रस्तावित किए जाए।
बैठक में सचिव नियोजन ने कहा कि चंपावत में दुग्ध उत्पादन की और अधिक संभावनाएं हैं। इस हेतु यहां दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही चिलिंग प्लांट की क्षमता को भी बढ़ाया जाए। सचिव ने एजेंसी से आए प्रतिनिधियों को निर्देश दिए की परियोजना तैयार करते समय जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों को भी शामिल किया जाए।

औद्यानिकी व कृषि क्षेत्र को बढ़ाते हुए अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जाए ताकि जनपद से पलायन रुके और मुख्यमंत्री की आदर्श जनपद की परिकल्पना को मूर्त रूप मिले। उद्यान विभाग द्वारा जिले में फलोत्पादन को बढ़ाएं जाने हेतु कीवि, सेब को क्लस्टर के तौर पर विकसित किया जाए। जिसमें अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए जिससे उनकी आर्थिकी में सुधार हो। इसके अतिरिक्त सचिव नियोजन द्वारा शिक्षा,स्वास्थ्य,परिवहन सुविधा आदि पर भी चर्चा करते हुए इन क्षेत्रों में समुचित प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश एजेंसी को दिए गए। उन्होंने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता हेतु अच्छे शिक्षण संस्थानों को यहां स्थापित करने के निर्देश दिए।

बैठक में शारदा कॉरिडोर के निर्माण हेतु तैयार की जा रही डीपीआर के संबंध में पीपीटी के माध्यम से बैठक में कंसल्टेंट्स एजेंसी से आए प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया कि बनबसा- टनकपुर- पूर्णागिरि से श्यामलाताल तक का कॉरिडोर है जो 90 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है।धार्मिक पर्यटन के साथ ही अन्य पर्यटन गतिविधियों के को बड़ाए जाने हेतु इसमें विशेष तौर पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि जनपद में पर्यटन,शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, कृषि और औद्यानिकी व दुग्ध विकास के क्षेत्र में अभिनव प्रयास किए जाएंगे। बैठक में स्वदेश दर्शन अंतर्गत डीलाइट एजेंसी द्वारा तैयार की गई परियोजना पर भी चर्चा की गई। संबंधित एजेंसी द्वारा पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गई।

बैठक में अपर आयुक्त उत्तराखंड शहरी विकास प्राधिकरण प्रकाश चंद्र दुमका, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, उप जिलाधिकारी टनकपुर आकाश जोशी, उप जिलाधिकारी सदर सौरव असवाल, उप जिलाधिकारी लोहाघाट रिंकु बिष्ट समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।