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यूक्रेन में युद्ध के बाद से दहशत के बीच दिन काट रहे चम्पावत जिले के बच्चे, घर आने को हैं बेताब

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लोहाघाट की ओसीन अधिकारी व बनबसा की सोनाली गुप्ता

चम्पावत। रूस के हमले के बाद यूक्रेन के हालात दिनों दिन बदत्तर होते जा रहे हैं। ऐसे में वहां रह गए भारतीय छात्र छात्राओं की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। इन्हीं दुश्वारियों से यू्क्रेन के रह रहे चम्पावत जिले के छात्राओं को भी जूझना पड़ रहा है। वे दहशत के बीच जीने को विवश हैं। साथ ही भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। यहां उनके परिजन खासे चिंतित हैं। लोहाघाट की शिवानी जोशी अपनी साथी ओसीन अधिकारी के साथ यूक्रेन के इवानो फ्रैंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। दोनों छात्राएं अभी तीन माह पहले दिसंबर 2021 में ही यूक्रेन गई थीं। दोनों छात्राएं एक ही मकान में रह रहीं हैं। 24 फरवरी की एयर इंडिया की उड़ान से भारत वापस आने की उम्मीद में दोनों छात्राओं ने अपने कमरे में खाने-पीने का जरूरी सामान भी कम रखा था। दुकानों में भी जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है। उन्हें भी छिटपुट परेशानी झेलनी पड़ रही है। एटीएम में भी नकदी नहीं है। खबरों के अनुसार दोनों छात्राओं के परिजन बताते हैं कि उनके घर से बाहर निकलने जैसा नहीं हो रहा है। ये छात्राएं कमरों में ही रह रही हैं। फ्लाइट स्थगित होने के बाद से वे परेशान हैं। हल्द्वानी में ठेकेदार पिता भुवन जोशी और मां किरन जोशी बेटी शिवानी को लेकर चिंतित हैं। बेटी से फोन पर बात होने से उन्हें सुकून मिल रहा है। हालचाल जानने के साथ ही वे बेटी का हौसला बढ़ा रहे हैं। इसी तरह जीआईसी किमतोली में प्रवक्ता हरीश अधिकारी और कुसुम अधिकारी बेटी ओसीन को फोन पर उनका आत्मविश्वास बढ़ा रहे हैं। परिजनों ने प्रशासन और भारत सरकार से शीघ्र सुरक्षित वापसी का आग्रह किया है।

घर आने को बेताब हैं सोनाली और संजीव को
बनबसा। बनबसा के व्यापारी किशोरी लाल गुप्ता की पुत्री सोनाली गुप्ता 2018 से यूक्रेन के विनिस्तिया में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। रूस-यूक्रेन के युद्ध के बाद से वे अपने घर में कैद है। पिता का कहना है कि बेटी सोनाली को वे फोन कर हिम्मत बंधा रहे हैं। बच्ची फोन पर डरी तो है, लेकिन शहर में अमूूमन शांति है। वहीं भजनपुर निवासी टनकपुर के रोडवेज कर्मी संजीव कुमार की मेडिकल की पढ़ाई कर रहे बेटे दिव्यांशु विश्वकर्मा से बात हुई है। बताते हैं कि दिव्यांशु यूक्रेन से भारत आने के लिए बेताब हैं। वह सरकार से मदद का आग्रह कर रहे हैं।

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नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड