मजबूरी # घोड़ा चला कर परिवार का भरण पोषण कर रही छात्रा, मदद के लिए शिक्षकों ने चलाई मुहिम



चम्पावत। आज देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। खुशी और उल्लास के बीच जनपद के दूरस्थ क्षेत्र से एक ऐसी खबर आ रही है, जो यह सोचने को विवश कर रही है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी आखिर ऐसी हालत क्यों और इसके लिए कौन जिम्मेदार। 75 साल के आजाद देश में आज एक छात्रा परिवार के भरण पोषण के लिए घोड़ा चलाने का कार्य करने को विवश है। वह घोड़े में नदी से रेता ढो रही है। हाड़तोड़ मेहनत के इस कार्य को अक्सर पुरुष ही करते हैं। एक छात्रा को यह सब करने को विवश होना पड़ रहा है। यह सब वह गरीबी और मजबूरी के चलते कर रही है।

छात्रा का वीडियो वायरल हो रहा है। लोग छात्रा की हिम्मत और मेहनत को सलाम कर रहे हैं। वहीं स्कूल के शिक्षकों ने छात्रा की मदद के लिए मुहिम छेड़ दी है। जनपद के विकास खंड पाटी में स्थति राजकीय इंटर कालेज बलातडी की कक्षा दस की छात्रा शोभा भट्ट की पारिवारिक हालात अत्यंत दयनीय है। उसके पिता हीराबल्ल्भ दिव्यांग और बीमार हैं। पहले वह अपनी आजीविका के लिए घोड़ा चलाया करते थे। पिछले दो वर्षों से शोभा के पिता को मिर्गी के दौरे पड़ रहे हैं। इसलिए सारा बोझ शोभा के नाज़ुक कंधों पर आ गया है। परिवार में शोभा का आसरा उसके माता-पिता के अलावा और कोई नहीं है। इसके चलते शोभा को अपनी शिक्षा ग्रहण करने और अपने पिता के उपचार के लिए घोड़ा तक चलाना पड़ रहा है।
लधियाघाटी क्षेत्र के युवा सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश जोशी आलोक छात्रा शोभा भट्ट की मदद को आगे आए हैं। उन्होंने कहा है कि वे 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक शोभा के विद्यालय के शुल्क व कापी किताबों का खर्चा वहन करेंगे। बताया कि इसको लेकर उनकी विद्यालय प्रबंधन से वार्ता हो चुकी है।

