उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग के बीच बनेगी कंक्रीट की दीवार, देश में पहली बार हो रहा यह कार्य
देश में पहली बार यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन राज्य की सबसे लंबी सुरंग के बीचोंबीच कंक्रीट की दीवार बनाई जा रही है। एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) के अधिकारियों का दावा है कि इस दीवार के बनने से सुरंग के अंदर वाहन एक-दूसरे से नहीं टकराएंगे। जिससे यह सुरंग जीरो एक्सीडेंट वाली होगी। सुरंग निर्माण के लिए करीब एक हजार मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं। जिसके फरवरी माह तक आर-पार होने की उम्मीद है।
चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर 850 करोड़ रुपये की लागत से सिलक्यारा से पोल गांव तक 4.5 किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है। जिसका अब 500 मीटर ही निर्माण शेष बचा है। इस सुरंग में फायर सप्रेशन सिस्टम और स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजीशन) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का भी प्रयोग किया जाएगा। वहीं सुरंग के अंदर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 400 एमएम की एक कंकरीट की मजबूत दीवार बनाई जा रही है। जिससे दायीं व बायीं ओर का ट्रैफिक अपनी-अपनी लेन से गुजरेगा। इस दीवार के कारण सुरंग के अंदर वाहनों के एक-दूसरे टकराने की आंशका शून्य हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया है कि देश में यह पहली सुरंग होगी, जिसके बीच में कंकरीट की मजबूत दीवार बनाई जा रही है। इससे गाड़ियां अपनी-अपनी लेन में चलेगी और दुर्घटना की आशंका शून्य होगी। हालांकि आपातकाल में एक से दूसरी टनल में जाने के लिए दीवार में एयर टाइट दरवाजे बनाए जाएंगे।
हर 500 मीटर पर ले-बाई की सुविधा मिलेगी
सुरंग के अंदर यदि किसी वाहन में कोई खराबी आती है तो उसे ले-बाई (सड़क किनारे कुछ समय के लिए वाहन खड़ा करने का स्थान) की सुविधा मिलेगी। हर 500 किमी पर एक ले-बाई की सुविधा मिलेगी। सुरंग के दायीं व बायीं दोनों तरफ कुल सात ले-बाई बनाई जाएगी। जिसमें से चार का निर्माण पूरा कर लिया गया है।