जनपद चम्पावत

देवीधुरा हेरिटेज सर्किट योजना के कामों में मिलीं खामियां, एसडीएम ने किया निर्माण कार्यों का निरीक्षण

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चम्पावत। मां बाराही धाम देवीधुरा में केंद्र पोषित स्वदेश दर्शन विरासत परिपथ (हेरिटेज सर्किट) योजना के कार्यों में गुणवत्ता की कमी सहित कई खामियां मिली हैं। सोमवार को एसडीएम मनीष बिष्ट के निरीक्षण में निर्माण कार्यों में 22 से ज्यादा कमियां पाई गईं। एसडीएम ने इन कमियों को आठ अगस्त से शुरू होने वाले बगवाल मेले से एक सप्ताह पूर्व पूर्ण करने की हिदायत दी है।
विरासत परिपथ योजना के तहत 17.33 करोड़ रुपये की लागत से देवीधुरा मंदिर परिसर और उसके आसपास बगवाल खेलने वाले चारों खाम (चम्याल, गहरवाल, लमगड़िया और वालिग) के लिए एक-एक बहुमंजिला योद्धा भवन के अलावा दर्शक दीर्घा का निर्माण होना था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि चार खामों में से एक (गहरवाल) खाम के योद्धा भवन का निर्माण ही नहीं किया गया है। इसके साथ ही खोलीखांण की दीवार का काम भी अधूरा मिला।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि गहरवाल खाम के लिए जमीन नहीं मिलने की वजह से योद्धा भवन नहीं बन सका है। निरीक्षण के दौरान केएमवीएन के जेई संजय जोशी, जल संस्थान के एई परमानंद पुनेठा, मंदिर समिति के अध्यक्ष खीम सिंह लमगड़िया, उपाध्यक्ष उमेद सिंह मेहरा, खामों के मुखिया त्रिलोक सिंह, गंगा सिंह, वीरेंद्र सिंह लमगड़िया, प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष राजू बिष्ट, भुवन जोशी, लाल सिंह, लक्ष्मी दत्त जोशी, प्रकाश मेहरा, हयात मेहरा, विक्रम सिंह कठायत, लकी जोशी, बिशन दत्त पुजारी आदि मौजूद रहे।

ये मिली मुख्य कमियां
चारों खामों के भवनों की खिड़कियों में शीशे नहीं थे, कई खिड़कियां टूटी थीं। हवनकुंड के पीछे की दीवार टूटी पाई गई, यज्ञशाला भवन में भी खामी थी। भवनों की रेलिंग अधूरी होने के साथ ही दर्शकदीर्घा में जल भराव, दीवारों और फर्श के टॉयल्स क्षतिग्रस्त पाए गए। भवन के कुछ हिस्सों में सीलन व पानी टपकने की समस्या भी सामने आई। बिजली, पानी के कनेक्शन लेने, मंदिर में लगी टंकियों तक पानी नहीं पहुंचने जैसी कई गंभीर कमियां पाई गईं।