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दिल्ली-पिथौरागढ़ विमान सेवा कल से होगी शुरू, हफ्ते में तीन उड़ान होंगी, जानें किस समय उड़ेगा विमान और कब पहुंचेगा

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देहरादून। दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए विमान कल यानी गुरुवार 7 अक्टूबर से उड़ान भरने लगेगा। उद्घाटन फ्लाइट बुकिंग पर कंपनी ने भारी डिस्काउंट भी रखा है। इससे लोगों में खुशी का माहौल है। पिथौरागढ़ से पहली बार दिल्ली के लिए सीधी फ्लाइट सेवा शुरू हो रही है।

दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए गुरुवार से 42 सीटर विमान सेवा शुरू हो रही है। इससे उत्तराखंड में पर्यटन व्यावसाय में बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही सीमांत जिले के लोगों की देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच भी आसान हो जाएगी। विमान संचालित करने वाली कंपनी के मुताबिक विमान सेवा सप्ताह में मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को उड़ान भरेगी। सुबह 9:20 बजे दिल्ली से विमान पिथौरागढ़ के लिए उड़ान भरेगा। विमान सुबह 10:45 बजे नैनी सैनी एयरपोर्ट पर उतरेगा। आधे घंटे यहां विश्राम के बाद विमान 11:15 बजे विमान दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा। दोपहर एक बजे यात्री दिल्ली पहुंच जाएंगे।

यूकाड़ा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी राम सिंह कठैत के मुताबिक पिथौरागढ़-दिल्ली के बीच विमान सेवा के शुभारंभ पर यात्रियों को 2499 रुपये में यात्रा का ऑफर दिया जा रहा है। इसके बाद विमान सेवा का किराया सात हजार से अधिक होगा। कंपनी की वेबसाइट में 14 नवंबर से टिकट बुकिंग पर किराया 7447 रुपये दिखाया गया है। ऐसे में लोग उद्घाटन उड़ान पर हवाई यात्रा का बेहद कम दाम में आनंद उठा सकते हैं।

उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला पर्यटन और सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। चीन और नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ जिले में आदी कैलास, ओम पर्वत, मुनस्यारी, धारचूला सहित तमाम विश्व विख्यात स्थल हैं। सालाना लाखों की तादात में सैलानी इस जिले में पहुंचकर नैसर्गिग सुंदरता का आनंद उठाते हैं। उत्तराखंड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के मुताबिक सात नवंबर से पिथौरागढ़ और दिल्ली के बीच एलाइंस एअर कंपनी की 42 सीटर विमान सेवा शुरू होगी। यह सेवा सप्ताह में तीन दिन चलेगी। इसके लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है।

ये भी जानें…
एलायंस एयर (पूर्व में एयर इंडिया रीजनल) एआईएएचएल (एआई एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो एयर इंडिया लिमिटेड के विनिवेश के बाद भारत सरकार द्वारा गठित एक विशेष प्रयोजन वाहन है। इसकी स्थापना अप्रैल 1996 में इंडियन एयरलाइंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी (बाद में 2011 में एयर इंडिया के साथ विलय कर दिया गया और 2022 तक सहायक कंपनी बनी रही) और यह मुख्य रूप से सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के हिस्से के रूप में घरेलू मार्गों का संचालन करती है। भारत सरकार ने एलायंस एयर को नामित भारतीय ध्वज वाहक के रूप में अधिसूचित किया है। (सोर्स विक्कीपिडिया)