चम्पावत : किसानों की कमर मजबूत करने को धामी सरकार दिया ₹98.18 लाख का पैकेज
कृषकों की आजीविका संवृद्धि, फलोत्पादन में वृद्धि तथा आधुनिक उद्यानिकी को मिलेगा बढ़ावा
चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की किसान हितैषी नीतियों के अनुरूप जनपद चम्पावत में औद्यानिक क्षेत्र को एक और नई दिशा एवं गति मिली है। कृषकों की आजीविका संवृद्धि, फलोत्पादन में वृद्धि तथा आधुनिक उद्यानिकी को बढ़ावा देने की दृष्टि से मुख्यमंत्री धामी ने चम्पावत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार प्रदान करने को महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में कृषक-केंद्रित नीतियों को मजबूती प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री घोषणा संख्या-282/2022 के अंतर्गत ‘जिले में नाबार्ड मद से औद्यानिक विकास किया जायेगा’ योजना को ₹98.18 लाख (अट्ठानवे लाख अठारह हजार मात्र) की पूर्ण वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत प्रथम किश्त के रूप में ₹58.908 लाख (अठावन लाख नौ हजार आठ सौ रुपये मात्र) की धनराशि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में जनपद को प्राप्त हो चुकी है। योजना का प्रस्ताव कार्यदायी संस्था पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम की टीएसी द्वारा औचित्यपूर्ण पाए जाने के उपरांत स्वीकृत किया गया है।
इस धनराशि का उपयोग जिले में आधुनिक फल उद्यानों के सघनीकरण, नर्सरी विकास, उन्नत किस्म के पौधों के रोपण, माइक्रो सिंचाई तकनीकों के विस्तार, जल-संरक्षण आधारित उद्यानिकी मॉडल के विकास, कृषकों के प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन कार्यक्रमों तथा औद्यानिक आधारभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण जैसे कार्यों में किया जाएगा। इन पहलों से चम्पावत में फल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय में सतत वृद्धि सुनिश्चित होगी। आधुनिक तकनीकों और उन्नत पौध-प्रजातियों के उपयोग से किसानों को दीर्घकालिक एवं स्थायी लाभ प्राप्त होंगे।

इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि चम्पावत जिले में औद्यानिक क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी और यह जिला क्षेत्रीय स्तर पर ‘फ्रूट हब’ के रूप में विकसित होने की दिशा में सशक्त कदम उठाएगा। स्थानीय नर्सरी विकास से गुणवत्तापूर्ण पौधों की उपलब्धता सरल होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। माइक्रो सिंचाई तकनीकों के प्रसार से जल संरक्षण, सिंचाई लागत में कमी तथा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। फलोद्यान आधारित मॉडल किसानों को स्थिर आय का स्रोत प्रदान करेंगे, जिससे युवा और महिलाएं भी कृषि-आधारित उद्यमिता की ओर आकर्षित होंगी।
जिलाधिकारी मनीष कुमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि योजना से जुड़े सभी कार्य गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूर्ण किए जाएं, ताकि अधिकतम पात्र कृषकों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि यह योजना चम्पावत के औद्यानिक विकास को एक नई ऊर्जा प्रदान करेगी, किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएगी और जिले को आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाएगी।

