जनपद चम्पावतबनबसारूस यूक्रेन युद्ध 2022

यूक्रेन से घर पहुंचे बनबसा के दिव्यांशु, कहा भारत में ही कराई जाए यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई

ख़बर शेयर करें -
बनबसा भजनपुर गांव अपने घर पर दिव्यांशु परिजनों के साथ। संवाद
बनबसा भजनपुर गांव अपने घर पर दिव्यांशु परिजनों के साथ।

बनबसा। रूस के हमले के बाद यूक्रेन से किसी तरह बनबसा के दिव्यांशु विश्वकर्मा भी अपने घर सकुशल पहुंच गए हैं। इस पर परिजनों ने राहत की सांस ली। साथ ही दिव्यांशु का जोरदार स्वागत किया। यूक्रेन से अपने घर भजनपुर पहुंचे दिव्यांशु ने सरकार से मांग की है कि यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों की पढ़ाई भारत में ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में है। सरकार को यूक्रेन के खर्च (फीस आदि) पर यहीं पढ़ाई जारी रखने की व्यवस्था करनी चाहिए।
शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने के बाद दिव्यांशु शनिवार सुबह बनबसा भजनपुर अपने परिजनों के बीच पहुंच गए। परिजनों ने उनका जोरदार स्वागत किया। दिव्यांशु के घर लोगों का तांता लगा रहा। रोडवेज कर्मी संजीव कुमार और फार्मेसिस्ट मां ममता विश्वकर्मा के बेटे दिव्यांशु यूक्रेन की सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि युद्ध के कारण शुरू में तो काफी डर लगा लेकिन बाद में आदत सी हो गई। आठ मार्च को वह सुमी से बस से पोल्तावा पहुंचे। सफर में अचानक एक बस का टायर फट गया, जिससे बसों में सवार सभी विद्यार्थी भयभीत हो गए थे। पोल्तावा से वह ट्रेन से लवीव पहुंचे। लवीव से ट्रेन बदल कर उन्होंने पोलैंड तक का सफर पूरा किया था। पोलैंड रेलवे स्टेशन से उन्हें बस से होटल तक पहुंचाया गया। दिव्यांशु ने बताया कि यूक्रेन में पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होती है, लेकिन उन्हें यूक्रेनी भाषा भी सीखनी होती है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन कर दिव्यांशु के परिजनों को बधाई दी। तहसीलदार भी दिव्यांशु से हालचाल पूछने पहुंचे।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड