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शवों को घर तक पहुंचाने में जरूरतमंदों की मदद करेंगे डीएम, मुख्यमंत्री धामी ने दिए निर्देश

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देहरादून। हल्द्वानी में भाई का शव गाड़ी की छत पर बांध कर घर ले जाने की मजबूर बहन की खबर ने सरकार को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में अविलंब एक मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के निर्देश दिए हैं। जिससे अब पैसा न होने की स्थिति में जिलाधिकारी शवों को एंबुलेंस से घर तक पहुंचाने के लिए जरूरतमंदों की मदद करेंगे।

इसके अलावा जरूरतमंदों को समय पर एंबुलेंस और एयर एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध होगी। सीएम धामी ने कहा कि जरूरतमंदों को यह पता होना चाहिए कि आवश्यकता होने पर वे एयर एंबुलेंस की सुविधा कैसे ले सकते हैं? एसओपी में ये सारे बिंदु स्पष्ट किए जाएं। उन्होंने अस्वस्थता के कारण किसी मृतक व्यक्ति के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारीजनों द्वारा मृतक के दाह संस्कार में कठिनाई व्यक्त करने पर आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए। मृतक व्यक्ति के दाह संस्कार की व्यवस्था संबंधित जिलों के जिलाधिकारी अपने स्तर से सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि मृतक व्यक्ति के शव को अपने घर तक पहुंचाने के लिए आर्थिक समस्या होने पर एंबुलेंस के माध्यम से शव को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी जिलाधिकारी अपने स्तर से करेंगे।

मुख्यमंत्री ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के तहत उनके शीतकालीन स्थलों के पौराणिक महत्व एवं प्रभावी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन स्थलों का प्राचीन काल से ही अपना विशिष्ट महत्व रहा है और श्रद्धालु इन स्थलों पर देव दर्शन करते रहे हैं। इन शीतकाल स्थलों के दर्शन से भी वही पुण्य प्राप्त होता है, जो नियमित यात्रा के दौरान होता है। शीतकाल में श्री केदारनाथ की ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में, बदरीनाथ की पाण्डुकेश्वर और नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ में, यमुनोत्री के खरसाली और गंगोत्री के मुखवा में पूजा अर्चना होती है। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमन और उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

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