बुरा न मानो होली है! नेगी दा ने गाने से मचाया धमाल, छोड़े शब्दभेदी बाण, सियासी पारा चढ़ा, पूरा गाना यहां सुनें…

देहरादून। देश भर में रंगों के त्योहार की धूम मची है। कहीं होली के गीत गूंज रहे हैं तो कहीं अबीर गुलाल के रंग उड़ रहे हैं। कहीं हवाओं में गुजिया की खुशबू घुल रही तो कहीं होली मिलन कार्यक्रम में महफिल जम रही है। ऐसी ही एक महफिल लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने जमाई। जहां होली मिलन कार्यक्रम में उन्होंने हाथों में हारमोनियम बजाते हुए सुरों के ऐसे राग छेड़े, जो अब चर्चाओं में हैं। उन्होंने अपने गीतों के बोल में ऐसे शब्दभेदी तीर छोड़े हैं, जिससे सियासी पारा चढ़ गया है।


दरअसल, होली मिलन कार्यक्रम में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने गढ़वाली में ‘मत मारो मोहन पिचकारी…’ गीत गाया। गीत के आगे के अंतरे में उन्होंने इन दिनों सूबे में चल रहे सियासी माहौल पर निशाना साध लिया। जिसकी अब खूब चर्चाएं हो रही हैं। नेगी दा के इस गाने से सियासी हलकों में हलचल सी मच गई है। क्योंकि, इन दिनों कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर पहले ही माहौल गरमाया हुआ है। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। ऐसे माहौल के बीच नेगी दा का गीत भी सामने आ गया। जिससे सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। वहीं, नेगी दा के इस गीत पर तरह-तरह प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं।
