कुमाऊँ और गढवाल की लोक संस्कृति का दस्तावेजीकरण जरूरी : मयंक कापड़ी
पिथौरागढ़। बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्मों के गीतकार व संगीतकार मयंक कापड़ी ने कुमाऊँ और गढवाल की लोक संस्कृति, लोकथात और लोकगीतों पर गंभीरतापूर्वक काम करने की आवश्यकता बताई है। मयंक अपने निजी संसाधनों से दक्षिण भारत में लोकथात संरक्षण के उपायों को अपने गृह जनपद पिथौरागढ में लागू करने की योजना पर काम शुरू कर चुके हैं।
मयंक ने कहा कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र या अन्य राज्यों में वहां की लोकथात लिपिबद्ध है। वहां लोक संस्कृति लिपिबद्ध है और हमारे राज्य में इस दिशा में कार्य नगण्य है। स्थानीय लोक कलाकारों और संस्कृति संरक्षण की दिशा में कार्यरत लोगों के साथ वह इस दिशा में काम करेंगे। पिथौरागढ में एक स्टूडियो का काम वह प्रारंभ कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि मयंक कापड़ी ने हाल ही में दक्षिण के विख्यात फ़िल्म डायरेक्टर कार्तिक सुब्बाराज की फ़िल्म ‘जिगरठंडा डबल x’ नाम की फ़िल्म में विभिन्न भाषाओं में 7 गाने गाए हैं। दक्षिण के दिग्गज फ़िल्म कम्पोजर संतोष नारायणन के साथ मयंक का यह पहला काम है। ज्ञात रहे कि इस फिल्म से पहले कार्तिक सुब्बाराज तथा संतोष नारायणन साझेदारी में बनी फिल्म ‘जिगरठंडा’ दक्षिण में एक सुपरहिट ब्लॉकबस्टर फ़िल्म रही है।
हालिया रिलीज हुई फिल्म ‘जिगरठंडा डबल x’ को भी दर्शकों द्वारा खूब सराहा जा रहा है तथा फिल्म को देश भर में 5 भाषाओं में रिलीज किया गया है। मयंक ने फिल्म में हिंदी तथा कन्नड भाषाओं में 7 गाने गाए हैं, जिनमे से 4 यूट्यूब, स्पॉटिफाइ, एप्पल म्यूजिक इत्यादि में रिलीज किए जा चुके हैं। 3 गाने फिल्म के पार्श्वसंगीत का हिस्सा हैं। मयंक फ़िल्म संगीत जगत की जानी मानी हस्तियों के साथ काम कर चुके हैं, जिनमे से ए आर रहमान, जोनीता गांधी, रंजीत बारोट इत्यादि हैं. मयंक मूल रूप से जिला मुख्यालय के निकट दौला गांव के निवासी हैं। मयंक की माता इन्दिरा कापड़ी शिक्षिका और पिता जगदीश कापड़ी सुभाष चौक में कपड़ा व्यापारी हैं।