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डॉ. शक्टा ने हमें अतीत से जोड़कर वर्तमान को नई रोशनी दी है: एडीएम

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चम्पावत। अपर जिला अधिकारी हेमंत वर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं संस्कार एक दूसरे को जोड़ते हुए हमें उस विराट शक्ति का दर्शन कराते हैं, जिसमें हमारे ऋषि मुनियों एवं पूर्वजों की महान विरासत छिपी हुई है। श्री वर्मा ने यह बात राजकीय पीजी कॉलेज के संस्कृत भाषा के विद्वान, संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं एनसीसी अधिकारी डॉ. कमलेश शक्टा द्वारा लिखित भारतीय संस्कृति में धर्म का स्वरूप पुस्तक का मुख्य अतिथि के रूप में लोकार्पण करते हुए कही। 290 पृष्ठों की इस पुस्तक में तीन दर्जन महत्वपूर्ण विषयों के आयाम केंद्रीय करते हुए विद्वान लेखकों के शोध पत्रों को प्रकाशित किया है। एडीएम ने कहा कि डॉ. शक्टा ने इस पुस्तक के जरिए नई पीढ़ी को अतीत के गौरव से जोड़ते हुए योग, आयुर्वेद, सोलह संस्कार, गुरु शिष्य परंपरा, चारित्रिक विकास, भारतीय नारी, संगीत कला आदि की जो जानकारी दी है उससे नई पीढ़ी को जीवन में नई रोशनी मिलेगी। उन्होंने इस सराहनीय प्रयास के लिए जहां डॉ. शक्टा को बधाई दी वहीं शिक्षक दिवस के अवसर पर एक शिक्षक के रूप में उन्हें सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर डॉ. शक्टा ने मुख्य अतिथि समेत उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा हमारी भारतीय संस्कृति से हमारी जितनी दूरियां बढ़ती जा रही है, उससे उसी गति में सामाजिक विकृतियों भी पैदा हो रही है। इस अवसर पर शिक्षाविद बंशीधर कलौनी, जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य संजय शुक्ला, आरएनबी के प्राचार्य गोपाल राम आर्य, एडवोकेट नवीन मुरारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी जितेंद्र सक्सेना, डीआईओ गिरजा जोशी एवं वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे।