चम्पावत: जीजीआईसी में निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी बने शिक्षक, कहा- सोच बड़ी रखो, सफलता स्वयं आएगी
कक्षा में उदाहरण देकर जिलाधिकारी ने छात्राओं को किया प्रेरित, संवादात्मक शिक्षण से छात्राओं में जगी नई ऊर्जा
चम्पावत। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहन देने, छात्राओं में आत्मविश्वास जगाने और उन्हें अपने लक्ष्यों के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मनीष कुमार ने सोमवार प्रातः राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) चम्पावत का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने केवल व्यवस्थाओं का अवलोकन ही नहीं किया, बल्कि स्वयं एक शिक्षक की भूमिका निभाते हुए कक्षा 11वीं व 12वीं की छात्राओं के साथ एक विशेष शिक्षण सत्र भी संचालित किया।
इस सत्र में उन्होंने छात्राओं को ‘विज्ञान एवं सामाजिक उत्थान’ विषय के अंतर्गत ‘जनसंचार’ पर निबंध लेखन के महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘जनसंचार केवल सूचना के आदान-प्रदान का माध्यम नहीं, बल्कि यह समाज में जागरूकता, नवाचार और सकारात्मक परिवर्तन का एक प्रभावशाली उपकरण है।’ जिलाधिकारी ने कक्षा की छात्रा मनीषा द्वारा लिखे गए निबंध को पढ़ते हुए उसकी लेखन शैली, सोच और विषय पर पकड़ की सराहना की। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा- ‘अगर मनीषा कर सकती है, तो आप सब भी कर सकती हैं! उन्होंने छात्राओं से कहा गलत बोलने या गलती करने से मत डरिए, क्योंकि गलती ही सीखने की पहली सीढ़ी है। अपने भीतर की क्षमताओं को पहचानो और निरंतर आगे बढ़ो।’

जिलाधिकारी ने छात्राओं से कहा कि विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और जनसंचार जैसे विषयों को केवल परीक्षा तक सीमित न रखें, बल्कि इन्हें अपने आसपास की दुनिया को समझने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के साधन के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहा- ‘परीक्षाओं में प्रश्न बदल सकते हैं, लेकिन आपकी समझ और तार्किकता हर परिस्थिति में आपका साथ देती है।’ शिक्षण सत्र के दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं को खुलकर प्रश्न पूछने और चर्चा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे यह सत्र एक संवादात्मक, उत्साहपूर्ण और प्रेरणादायी अनुभव में बदल गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल अंक प्राप्त करना नहीं, बल्कि विचारशीलता, आत्मनिर्भरता और सशक्त नागरिकता का निर्माण है। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे आने वाले समय में समाज और राष्ट्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने छात्राओं से उनके कैरियर लक्ष्यों के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि जो छात्राएं नीट (NEET) या आईआईटी (IIT) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहती हैं, उनके लिए जल्द ही निःशुल्क ऑनलाइन तैयारी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे घर बैठे गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था, अनुशासन, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, स्वच्छता और छात्राओं के लिए उपलब्ध संसाधनों की भी गहन समीक्षा की। साथ ही शिक्षिकाओं से संवाद करते हुए शिक्षण की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम अनुराग आर्य, सीईओ मेहरबान सिंह बिष्ट, ईओ भरत त्रिपाठी, जीजीआईसी की प्रधानाचार्या, शिक्षिकाएं व अन्य उपस्थित रहे।