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हल्द्वानी में दवा कारोबारी के यहां ED का छापा, एक दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे अफसर, 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है मामला…

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हल्द्वानी। अमेरिका में प्रतिबंधित दवाइयों को बेचने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सजा काट रहे बनमीत नरूला के तिकोनिया स्थित आवास में शुक्रवार को ईडी की टीम ने छापेमारी की। मिली जानकारी के अनुसार देहरादून पुलिस के साथ ईडी की टीम की 12 गाड़ियां सुबह पांच बजकर 45 मिनट पर तिकोनिया स्थित बनमीत नरूला के घर पहुंची। ईडी की छापेमारी से मोहल्ले में हड़कंप मच गया।

छापेमारी के वक्त बनमीत नरूला के घर में उनके पिता सुरजीत नरूला और परिवार के लोग मौजूद थे। छापेमारी के बाद से किसी भी बाहरी व्यक्ति को घर में नहीं घुसने दिया जा रहा है। बाहरी लोग काम करने आए तो उनको अंदर जाने नहीं दिया गया। गेट पर स्थानीय पुलिस का कड़ा पहरा है। सुबह टीम जब यहां पहुंची तो अलमारी और तिजोरी का ताला खोलने के लिए चाबी बनाने वाले को बुलाया गया। इसके बाद ईडी की टीम ने अलमारी और तिजोरी के साथ घर में रखे तमाम दस्तावेज खंगाले। फिलहाल ईडी की टीम छानबीन कर रही है। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम मामले से जुड़े अन्य स्थानों पर भी छापेमारी कर रही है।

बताया जा रहा है कि हलद्वानी निवासी बनमीत सिंह को अप्रैल 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और 2023 में अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था। उसे कोलंबस अदालत के समक्ष नियंत्रित पदार्थों को वितरित करने के इरादे से रखने की साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया और सात साल की सजा सुनाई गई थी। कुमाऊं के नैनीताल जिले में ईडी की यह पहली बड़ी कार्यवाही है।

अदालती दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, बनमीत ने फेंटेनाइल, एलएसडी, एक्स्टसी, जैनैक्स, केटामाइन और ट्रामाडोल जैसे नियंत्रित पदार्थ बेचने के लिए सिल्क रोड, अल्फा बे, हंसा समेत कई अन्य डार्क वेब मार्केटप्लेस पर विक्रेता विपणन साइट बनाईं। ग्राहकों ने इन साइट का उपयोग करके सिंह से ऑर्डर की गई दवाओं के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भुगतान किया। इसके बाद सिंह ने व्यक्तिगत रूप से यूएस मेल या अन्य शिपिंग सेवाओं के माध्यम से यूरोप से अमेरिका तक दवाओं की खेप पहुंचाने की व्यवस्था की। एक अधिकारी ने बताया कि इस काम के जरिए बनमीत ने करीब 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए।