चुनावी चकल्ल्स # वरिष्ठ पत्रकार दिनेश चंद्र पांडेय की एक और तुकबंदी! दिग्गज फंसे रणभूमि में, सीट बचानी हुई दुष्कर…
मित्रो नमस्कार।
उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होना है। सियासी और निर्दलीय प्रत्याशी पूरी ताकत के साथ चुनावी रणभूमि में डटे हैं। अलग-अलग मुद्दों को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। साम दाम दंड भेद की नीति के साथ धन बल व शराब के भरोसे माननीय बनने की जुगत में अधिकांश प्रत्याशी दिन रात एक किए हुए हैं। पहाड़ में भी दिहाड़ी मजदूर की तर्ज पर प्रचार होने से कई लोगों को रोजगार भी मिला है। भले ही खर्च सीमा 40 लाख हो परंतु माना जा रहा है यह कई करोड़ तक जाएगा। इन्हीं मसलों को लेकर एक नई तुकबंदी का प्रयास किया गया है आप भी इस चुनावी चक्कलस का आनंद लें।
दावेदार ऐसे हुए गोल,
जैसे गधे के सिर से सींग।
चरम में पहुंचा प्रचार,
सब हांक रहे अपनी-अपनी ढींग।
बागियों की हुंकार से,
कई सीटों पर हो रहा ऐसा खेला
प्रत्याशियों के होश फाख्ता,
जीत हार में आ गया बड़ा झमेला।
वादों का चल रहा,
अजब गजब नया निराला दौर।
ऐसे पिला रहे घुट्टी,
जिनका अपना न ठिकाना न ठौर।
आया राम गया राम,
बन रहे प्रचारक स्टार।
अब लगोटिया पूछ रहे,
सौदे की रकम भी तो बता दे मेरे यार।
जातिपात अगड़ा पिछड़ा,
लोकल बाहरी का चल रहा शोर।
निर्दलियों की अपनी ठसक,
चुनाव में वे भी लगा रहे कड़मड़ जोर।
सोशल-मिडिया में,
निकल रही जमकर भड़ास।
जुलाहों में ऐसी लठ्ठम-लठ्ठा,
दिख रही जैसे बिना सूत कपास।
नोटों की हो रही,
अबके भी जमकर रेलमपेल।
कार्यकर्ताओं से ज्यादा,
दिहाड़ी पर दौड़ रही प्रचार की रेल।
शराब भी बन रही,
कुर्सी तक जाने का रास्ता।
दल निर्दल अब पिलाने लगा,
वोटर को दे वोट का वास्ता।
वोटर-गिरगिटी सुबह भाजपाई,
दिन में संग कांग्रेसी पंजा निशान।
सांझ ढलते ही बोल रहा,
झाडू आप की भी है अलग पहचान।
बूढों और दिव्यांगों को,
अबके सहूलियत मिली है खास।
पोलिंग पार्टियां करवा रही,
घर घर जाकर पोस्टल बैलेट पास।
भाजपा में तीन सीएम,
बदलने का कांग्रेस राग रही अलाप।
महंगाई का ठीकरा फोड़,
बता रही डबल इंजन हो गया फ्लाप।
फ्री की जपकर माला,
आप देख रही सत्ता के ख्याब।
भाजपा कांग्रेस की बेदखली का,
तरीका तो उसने अपनाया है लाजबाब।
मुस्लिम युनिवर्सिटी का,
छिड़ गया ताजा विवादित राग।
कांग्रेस और हरदा को घेर कर,
हर जगह भाजपा उगल रही है आग।
दिग्गज फंसे रणभूमि में,
सीट बचानी हुई सबको दुष्कर ।
चुनावी नौटंकी के सहारे,
वैतरणी पार कर पाएंगे हरदा हों या पुष्कर।
चौदह फरवरी के दिन,
होगा उत्तराखंड में चुनाव ।
सत्ता की सीधी टक्कर में,
होगी पुन: बहाली या आएगा बदलाव।
दिनेश चंद्र पांडेय (पत्रकार)
जिलाध्यक्ष, वंचित राज्य आंदोलनकारी संगठन-चम्पावत