खटीमा फाइबर्स के कर्मचारियों ने किया तहसील में प्रदर्शन, बगैर नोटिस के बाहर कर दिए गए हैं 200 कामगार
खटीमा। खटीमा फाइबर्स कारखाने के श्रमिकों ने तहसील में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि उन्हें बगैर नोटिस और कारण बताए फैक्ट्री से बाहर किए जाने की सूची कारखाने में चस्पा कर दी गई है। उन्होंने एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट और श्रम प्रवर्तन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
खटीमा फाइबर्स कारखाना प्रबंधन ने 17 अप्रैल को नोटिस बोर्ड पर एक सूचना चस्पा की थी। इसमें 200 लोगों के नाम का उल्लेख नहीं किया गया। मंगलवार को तहसील पहुंचे श्रमिकों ने कहा कि जब उन्होंने प्रबंधन से पूछा तो उन्हें बताया गया कि उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। जबकि वह लोग तीस-तीस वर्षों से काखाने में काम कर रहे हैं। उन्हें 15 वर्ष से बोनस नहीं दिया गया, दो माह से वेतन नहीं दिया गया, पांच महीने से ओवर टाइम नहीं दिया गया, नौ महीने से श्रमिकों की भविष्य निधि श्रमिकों से कटौती किए जाने के बाद भी उनकी राशि भविष्य निधि में जमा नहीं की गई। श्रमिकों ने तहसील में फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
इस दौरान श्रमिकों ने एसडीएम बिष्ट को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई। एसडीएम बिष्ट नेकहा कि वह स्वयं और लेबर इंस्पेक्टर इस प्रकरण की जांच करेंगे। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शन करने वालों में अखिलेश कुमार, अनुपम कुमार, अनिल कुमार, मुन्नी लाल, जगत सिंह, बाबूराम, लाल सिंह, नितीन राना, संजय सिंह, रमाकांत, राहुल सिंह, राम चन्दर, विजय धामी, गोविन्द सिंह, धर्मवीर, राजू रतन रस्तोगी, अरविंद रस्तोगी, विजय धामी, रजत राणा, बाबूराम, अनिल कुमार, अनिल सिंह, रमाकांत, त्रिलोचन भट्ट, पवन प्रसाद, विनोद मठपाल आदि रहे।
कुछ प्लांट वित्तीय संकट के कारण बंद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खटीमा फाइबर्स फैक्टरी के एकाउंट हेड शेखर पुनेरा ने बताया कि कारखाने के एमडी डॉ. राकेश चंद्र रस्तोगी अस्वस्थ हैं। कारखाने के कुछ प्लांट वित्तीय संकट के कारण बंद हैं। सभी श्रमिकों के साथ समान व्यवहार होगा। आगे की स्थिति बृहस्पतिवार तक स्पष्ट हो सकेगी। वहीं फैक्टरी के प्रबंधक शंकर सिंह रावत ने बताया कि कारखाने के प्लांट पिछले 15 दिन से बंद हैं। कारखाने के एमडी आरसी रस्तोगी एक-दो दिन में लौटेंगे। किस प्लांट की मशीन चलानी है, इसका निर्णय वही करेंगे। वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अमित पांडे ने बताया कि खटीमा फाइबर्स का श्रमिक असंतोष उनके संज्ञान में भी आया है। राज्य सरकार श्रमिकों के साथ खड़ी है। उनके साथ किसी तरह से अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने श्रमिक असंतोष में कांग्रेसियों पर राजनीतिक करने का आरोप लगाया।
कारखाने के कुछ प्लांट बंद होने से खटीमा फाइबर्स फैक्टरी के श्रमिक बेरोजगार हैं। श्रमिकों ने ज्ञापन सौंपकर समस्या सुलझाने की मांग की है। इस संबंध में कारखाने के प्रतिनिधि शंकर सिंह रावत ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय पहुंच कर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि वित्तीय संकट के कारण कुछ मशीनें 17 अप्रैल से बंद हैं। बृहस्पतिवार तक स्थिति स्पष्ट होने पर इस पूरे प्रकरण की जांच कर कारखाने की स्थिति पता चलेगी। श्रमिकों के हित सुरक्षित रहे ऐसा प्रयास किया जाएगा और स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। मीनाक्षी भट्ट, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, श्रम कार्यालय खटीमा