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चम्पावत में पंचायत चुनाव में महिला समूहों के माध्यम से मतपेटिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित, आर्थिक सशक्तिकरण को भी मिला बल

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वाटरप्रूफ बैग से महिला आर्थिकी तक, चुनाव में उभरी आत्मनिर्भरता की तस्वीर

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चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जनपद की महिलाएं आज केवल आर्थिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि अब वे लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को भी सशक्त करने की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं। पंचायत चुनाव जैसे अहम दायित्वों में उनकी सक्रिय सहभागिता यह दर्शाती है कि चुनाव प्रक्रिया भी अब महिला आर्थिकी को सुदृढ़ करने का माध्यम बन रही हैं।

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चम्पावत प्रशासन द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 की तैयारियों के अंतर्गत एक सकारात्मक एवं दूरदर्शी पहल करते हुए, मतपेटिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु उचोलीगोठ की जय लक्ष्मी मां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को वाटरप्रूफ बैग तैयार करने का कार्य सौंपा गया। यह निर्णय न केवल चुनाव प्रक्रिया को सुगम, व्यवस्थित एवं सुरक्षित बनाने की दृष्टि से सराहनीय है, बल्कि इससे स्थानीय महिला समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण को भी प्रत्यक्ष रूप से बल मिला है। उक्त समूह की महिलाओं ने मानसून की संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, विशेष जलरोधक सामग्री टीपीयू (TPU) फैब्रिक से कुल 800 वाटरप्रूफ बैलेट बॉक्स बैग तैयार किए हैं। यह बैग जनपद के सभी विकासखंडों के निर्वाचन कार्य में प्रयुक्त मतपेटिकाओं की सुरक्षा के लिए वितरित किए गए हैं।

प्रत्येक बैग की लागत ₹180 निर्धारित की गई, जिसके अनुसार कुल ₹1,44,000 की लागत में यह कार्य पूर्ण हुआ। सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इस उत्पादन से समूह की प्रत्येक महिला को प्रति बैग ₹50 की प्रत्यक्ष आय हुई, जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचा और उनके आत्मविश्वास एवं आजीविका को नई मजबूती मिली। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने समूह की महिलाओं के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि, ‘यह पहल जहां पंचायत चुनाव के संचालन में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है, वहीं ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी को भी ठोस आधार दे रही है।’ निर्मित सभी बैग प्रथम चरण के मतदान हेतु संबंधित ब्लॉकों को वितरित कर दिए गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. जी. एस. खाती ने भी समूह की महिलाओं की इस रचनात्मक भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि ‘स्थानीय समुदाय का इस तरह चुनावी व्यवस्था में सहयोग आत्मनिर्भर भारत की भावना का सशक्त उदाहरण है।’

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