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खराब मौसम के बाद भी लड़ीधूरा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, देवी रथों के मंदिर आगमन के साथ संपन्न हुआ महोत्सव

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चम्पावत। बाराकोट में आयोजित लड़ीधूरा महोत्सव का आज रविवार को समापन हो गया। इससे पहले मंदिर में देवी रथों का आगमन हुआ। खराब मौसम पर आस्था भारी पड़ी और रथ यात्रा में आस्था से लबरेज श्रद्धालु पूरे जोश व उत्साह के साथ शामिल हुए। मूसलाधार बारिश भी उनके जोश को कम नहीं कर सकी। देवी रथों के मंदिर में आगमन के पश्चात पांच दिन से चल रहा लड़ीधूरा महोत्सव का समापन हो गया।


आज मौसम खराब और तेज बारिश होने के बाद भी लड़ीधूरा में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। ग्राम सभा काकड़ से आने वाला देवी रथ ठीक 2:30 बजे लड़ीधूरा मंदिर पहुंचा, जिस पर कालिका के देव डॉगर कल्याण सिंह अधिकारी विराजमान थे। बाराकोट से आने वाला देवी रथ 3:10 पर मंदिर पहुंचा, जिस पर प्रताप सिंह कालिका के रूप में गुड्डी फर्त्याल भगवती के रूप में विराजमान थीं। मंदिर पहुंचकर देव डॉगरों ने श्रद्धालुओं की देव बाधाओं का भी निवारण किया तथा सभी को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया। पौराणिक मान्यता के अनुसार कई निसंतान महिलाओं ने भी दिव्य रथों की परिक्रमा के बाद संतान रत्न प्राप्ति का आशीर्वाद लिया। लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष नगेंद्र कुमार जोशी ने सभी श्रद्धालुओं का मंदिर में स्वागत किया। आयोजन में जगदीश सिंह अधिकारी, प्रकाश सिंह अधिकारी, लोकमान सिंह अधिकारी, कृष्ण सिंह अधिकारी, रमेश चंद्र जोशी, नवीन चंद्र जोशी, रितेश वर्मा, दुर्गेश चंद्र जोशी, नमन जोशी, योगेश चंद्र जोशी, कौस्तुभ अधिकारी, देवेंद्र सिंह, प्रदीप ढेक, रजत वर्मा, राजेन्द्र अधिकारी आदि शामिल रहे।