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जीआईसी सूखीढांग के आरोपित शिक्षक से दो बिंदुओं पर मांगा स्पष्टीकरण

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चम्पावत। सूखीढांग जीआईसी के मध्याह्न भोजन (एमडीएम) विवाद के बीच एक शिक्षक पर दो छात्राओं से अभद्रता और पिटाई करने सहित दो बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने बताया कि आरोपित शिक्षक से दो दिन के भीतर सफाई देने के लिए कहा है।

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कुछ अभिभावकों ने 14 मई को 10वीं कक्षा की दो छात्राओं के साथ अभद्रता और पिटाई करने का आरोप लगाया था। इन अभिभावकों ने शिक्षक कमल राजन पर अक्सर दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है। सीईओ का कहना है कि 20 मई को सूखीढांग जीआईसी में डीएम की मौजूदगी में हुई पूछताछ में शिक्षक ने छात्राओं की पिटाई करने की बात स्वीकारी भी थी। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी के जांच के आदेश के बाद सीईओ ने शिक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया है। सीईओ सक्सेना ने कहा कि शिक्षक ने खुद पिटाई की बात कबूल की है। ऐसे में उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने छात्राओं के साथ ये सलूक क्यों और किन परिस्थितियों में किया है। अभिभावकों के एतराज पर भी शिक्षक को सफाई देने के लिए कहा गया है। इस स्पष्टीकरण के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ आरोपित शिक्षक ने मामले में निर्धारित समय के भीतर स्पष्टीकरण देने की बात कही है।




विवाद के पीछे थी भरोसे की कमी
चम्पावत। सूखीढांग जीआईसी का एमडीएम विवाद प्रशासनिक अधिकारियों की सूझबूझ से शुक्रवार को सुलझा लिया गया। पिछले साल दिसंबर के बाद मई में फिर शुरू हुए विवाद के पीछे कुछ अभिभावकों और एससी जाति की भोजनमाता के बीच विश्वास की कमी बताई गई है। दिसंबर में कुछ अभिभावक और जीआईसी से जुड़े छह लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। भोजनमाता की शिकायत पर हुए इस मुकदमे की जांच चल रही है। बताते हैं कि इस मुकदमे से दोनों तरफ भरोसे की कमी हुई। इसकी परिणति कुछ बच्चों के स्कूल में खाना न खाने के रूप में सामने आई है। अब प्रशासन की इस नई पहल से इस दिशा में दोनों पक्षों को काफी हद तक करीब लाने में कामयाबी मिली है। वहीं सीईओ जितेंद्र सक्सेना का कहना है कि सूखीढांग जीआईसी में माहौल बेहतर है। अभिभावकों की किसी भी तरह की गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।




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