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टनकपुर में डेंगू के डंक का डर, संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ी, स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना

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टनकपुर। कोरोना संक्रमण के बाद क्षेत्र में डेंगू के प्रकोप का डर सताने लगा है। एक माह के अंदर 27 संदिग्ध मरीज मिलने पर अस्पताल में इन मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, लेकिन यहां एलाइजा जांच की सुविधा नहीं है। अभी जिले में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है, लेकिन संदिग्ध मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिले के मैदानी क्षेत्र में डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिकित्साधिकारी डॉ. हेमंत शर्मा के मुताबिक माह भर में बुखार से पीड़ित 91 मरीजों के रैपिड किट टेस्ट हुए हैं, जिनमें डेंगू के 27 संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। डेंगू का एक संदिग्ध मरीज अस्पताल में भर्ती है, जिसका उपचार चल रहा है।
आईडीएसपी प्रभारी डॉ. इंद्रजीत पांडेय ने बताया कि अभी जिले में डेंगू का एक भी पुष्ट मरीज नहीं है। डेंगू की रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। जांच और उपचार के लिए डॉक्टरों की अलग टीमें गठित की गईं हैं। वहीं आशा वर्करों को अपने कार्य क्षेत्र में बुखार से पीड़ित मरीजों को चिह्नित कर उन्हें अस्पताल लाकर जांच करवाने और घर-घर जाकर लार्वा की जांच और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।

डेंगू के लक्षण एवं बचाव
अचानक तेज बुखार, सिर में तेज दर्द, आंखों में दर्द, मांसपेशियों (बदन), जोड़ों में दर्द, स्वाद का पता न चलना, भूख न लगना, छाती, ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने, चक्कर आना, जी घबराना उल्टी आना, शरीर पर खून के चकत्ते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।

डेंगू से बचाव के उपाय
छोटे डिब्बों और जहां पानी भरा है उसे निकालें। कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। घर में कीटनाशक दवा का छिड़काव करें। बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिनसे उनके हाथ-पांव ढके रहें।