उधमसिंह नगरनवीनतम

महिला अधिवक्ता ने संदिग्ध परिस्थितियों में लगाई फांसी, मौके पर मिला सुसाइड नोट…

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उधमसिंह नगर जनपद के काशीपुर में एक महिला अधिवक्ता ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं परिजनों ने पुलिस को मृतका द्वारा लिखा सुसाइड नोट दिया। बताया जाता है कि सुसाइड नोट में मृतका ने मानसिक रूप से परेशान होने का जिक्र किया है। उधर घटना से परिवार में कोहराम मच गया।

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आवास-विकास निवासी तेजवीर सिंह की बेटी रेवा सिंह (25) नैनीताल हाईकोर्ट में एक अधिवक्ता के साथ प्रैक्टिस करती थीं। वह बीती 16 अगस्त को घर आई थी। बीते बुधवार की शाम रेवा सिंह ने अज्ञात कारणों के चलते घर की दूसरी मंजिल के कमरे में पंखे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि घटना के समय घर में माता जसविंदर कौर व बेटी रेवा मौजूद थीं।

रेवा घर की दूसरी मंजिल पर कमरे में थी। रात लगभग आठ बजे जब मां जसविंदर कौर ऊपर कमरे में गयी, तो देखा रेवा पंखे से लटकी हुई थी। जिस पर उन्होंने अपने बेटे हरतेज सिंह को फोन करके घर बुलाया। दोनों ने मिलकर रेवा को फंदे की रस्सी काट कर उतारा और पास में स्थित निजी नर्सिंग होम ले गए। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। तब परिजन उसे घर ले आए। इसी दौरान किसी ने 112 नंबर पर सूचना दे दी। सूचना मिलने पर टांडा उज्जैन पुलिस चौकी प्रभारी मनोज जोशी पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए।

उधर, पुलिस पूछताछ में पिता ने मृतका द्वारा लिखा एक सुसाइड नोट पुलिस को दिया गया। जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घर में असमय घटी घटना से कोहराम मच गया। बृहस्पतिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया। वहीं पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के मुताबिक रेवा की मौत फांसी लगाने से हुई है।

जिंदगी की अदालत में तनाव से हार गई रेवा, सुसाइड नोट में मानसिक रूप से परेशान होने का जिक्र

काशीपुर नगर के लोगों यकीन नहीं हो रहा है कि 25 साल की रेवा इस तरह दुनिया से रुखसत होगी। हर किसी के जुबान पर यही सवाल है कि आखिर वे कौन सी परिस्थितियां रही होंगी कि कुछ साल पहले तक हंसती-खेलती युवती को एकाएक जिंदगी जीने से ज्यादा मौत को गले लगाना आसान लगा होगा। रेवा सिंह ने अपनी मौत के पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई है। करीब डेढ़ पेज के सुसाइड नोट में भी उसने किसी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है। बस यह जिक्र किया है कि वह मानसिक रूप से बहुत परेशान थी। स्थानीय लोगों के अनुसार माता-पिता के बीच काफी समय से मनमुटाव चल रहा है। वे अलग-अलग रहते हैं। इसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान रहती थी। यही जिक्र उसने अपने सुसाइड नोट में भी किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोगों ने बताया कि परिवार के सदस्य मोहल्ले में ज्यादा किसी से मेलजोल नहीं रखते थे। परिवार में एक बेटा और दो बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो चुकी है। पिता पहले काशीपुर में ही एक फैक्टरी में पार्टनर थे। बताया जाता है कि परिवार के कुछ सदस्य टोना-टोटका में विश्वास करते हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीते बुधवार को अवश्य ही किसी बात को लेकर परिवार में तकरार हुई होगी, जिसके बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। लोगों का कहना है कि वह एक अधिवक्ता थी और समाज की ऊंच-नीच से वाकिफ थी, इसलिए ऐसा कदम नहीं उठाती। इधर परिजनों ने पुलिस को बताया कि मानसिक रूप से परेशान रेवा का इलाज चल रहा था। जब पुलिस ने उनसे इलाज संबंधी दस्तावेज मांगे तो वे नहीं दिखा पाए।

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