निमिषा प्रिया की फांसी रोकने के लिए अंतिम प्रयास, भारत ने यमन से की औपचारिक अपील

नई दिल्ली/एर्नाकुलम। भारत सरकार ने केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रोकने के लिए अंतिम प्रयास किया है। सरकार ने यमन के अभियोजन महानिदेशक से निमिषा प्रिया की फांसी स्थगित करने की औपचारिक अपील की है, जिसे एक यमनी नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ के वकील एडवोकेट सुभाष चंद्रन ने पुष्टि की कि अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि इस अनुरोध पर विचार किया जाएगा।
यमन में हस्तक्षेप के लिए कूटनीतिक जटिलताओं के बावजूद केंद्र सरकार निमिषा प्रिया की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित रास्ते तलाश रही है। अटॉर्नी जनरल ने सोमवार को शीर्ष अदालत को बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी प्रयासों का खुलासा नहीं किया जा सकता है, फिर भी सरकार सकारात्मक परिणाम को लेकर आशावादी है। एक्शन काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट को यमन के पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’ देने की अपनी इच्छा से भी अवगत कराया है। एडवोकेट सुभाष चंद्रन ने एक मीडिया चैनल को बताया है कि ‘हमें पूरी उम्मीद है।’


निमिषा प्रिया की मां प्रेम कुमारी, जो इस समय यमन में हैं, ने व्यक्तिगत रूप से यमन के अभियोजन महानिदेशक के समक्ष एक याचिका दायर कर फांसी पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। उनकी याचिका में मृतक के परिवार के साथ चल रही बातचीत और मुआवजा देने की बात कही गई है। निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। ऐसे में कई स्तर पर उसे बचाने की कोशिशें की जा रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निमिषा को बचाने के लिए समस्त केरल जमात-ए-उलमा (केरल में एक प्रमुख इस्लामी विद्वान निकाय) के महासचिव कांतापुरम एपी अबूबकर मुसलियार भी यमन में धार्मिक विद्वानों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं। उनके सचिव बदुशा सखाफी ने इसकी पुष्टि की। सचिव ने बताया कि यमन के विद्वान और कांतापुरम मुसलियार के दोस्त हाफिज हबीब उमर मध्यस्थता के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। सखाफी के अनुसार, यमन के विद्वानों ने कथित तौर पर मृतक तलाल अब्दो महदी के भाई से संपर्क किया है और उन्हें आशाजनक प्रतिक्रिया मिली है। एक्शन कमेटी के साथ काम करने वाले तमिलनाडु निवासी सैमुअल यमन में मध्यस्थों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
जानें क्या है पूरा मामला …
केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा प्रिया पर 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की कथित हत्या का आरोप है। निमिषा 2012 में अपनी शादी के बाद नर्स के तौर पर यमन चली गई थीं और उनके पति टॉमी भी यमन में रहते थे। तलाल के साथ मिलकर क्लिनिक शुरू करने के बाद निमिषा की जिंदगी में एक बुरा मोड़ आया। हालांकि उनके पति और बेटी भारत लौट आए, लेकिन यमन में युद्ध छिड़ जाने के कारण निमिषा उनके साथ नहीं आ सकीं, जिससे वह कथित तौर पर उस यमनी नागरिक के जाल में फंस गईं।
तलाल ने निमिषा और एक अन्य यमनी महिला को कथित तौर पर गंभीर शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार बनाया और उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए थे। हताश होकर निमिषा और उस यमनी महिला ने उसे एक इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया और अपने पासपोर्ट छीनकर भागने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और जेल में डाल दिया।
बाद में तलाल का शव उनके क्लिनिक में मिला, जिसके कारण उन पर हत्या का आरोप लगाया गया और बाद में मुकदमा चलाया गया। निमिषा यमन की निचली अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करने में नाकाम रही, जिसके बाद उसे मौत की सजा सुनाई गई, जबकि यमनी महिला को आजीवन कारावास की सजा मिली। इस फैसले के खिलाफ निमिषा की अपील यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी। अब निमिषा प्रिया के बचने की आखिरी उम्मीद अब पूरी तरह से पीड़ित परिवार की माफी पर टिकी है।