नवीनतममनोरंजन

लोकगायिका हेमा नेगी करासी का ‘जब जली बारात’ गीत शादी ब्याहों में मचा रहा धूम

Ad
ख़बर शेयर करें -

अपनी सुमधुर गायकी से उत्तराखंड संगीत जगत में विशेष स्थान बना चुकीं सुप्रसिद्ध लोकगायिका हेमा नेगी करासी के गीतों में हमेशा ही पहाड़ की सभ्यता एवं संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है। फिर बात चाहे उनके जागर गीतों की हो या फिर अन्य लोकगीतों की। यही कारण है कि न केवल लोग सुमधुर आवाज की उनकी गायकी को पसंद करते हैं बल्कि उनके गीतों को सुनकर पहाड़ की विरासत से भी जुड़ते चले जाते हैं। लोकगायिका हेमा नेगी करासी का एक और खूबसूरत गीत इन दिनों सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा है।

जी हां…त्योहारों और शादियों के सीजन में उत्तराखंड की लोक संस्कृति एक बार फिर सुरों की गूंज से महक उठी है। प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी का नया वीडियो गीत ‘जब जाली बरात’ यूट्यूब पर रिलीज़ हो चुका है, जो लॉन्च होते ही सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। गीत में घरातियों बरातियों के बीच खट्टी मीठी नोंक-झोंक एवं शादी से पहले एक-दूसरे को दी जाने वाली मीठी-मीठी गालियों को समाहित किया गया है।

Ad

आपको बता दें कि हेमा नेगी करासी के आफिशियल यूट्यूब चैनल पर HNK प्रोडक्शन के बैनर तले रिलीज हुए उनके इस नए गीत ‘जब जाली बरात’ में पहाड़ की परंपरागत बारात के रंग, रस और रौनक को इतनी सजीवता से प्रस्तुत किया गया है कि देखने वाला खुद को किसी असली बरात का हिस्सा महसूस करने लगता है। इस गीत में बरात के दुल्हन के आंगन में आने पर बरातियों और घरातियों के बीच की खट्टी-मीठी नोंक-झोंक, विवाह से पहले दी जाने वाली मीठी-मीठी गालियों को लोकगायिका हेमा नेगी करासी द्वारा स्वयं लिपिबद्ध किया गया है। जिसमें उनका साथ सुमन सिंह रौथान ने दिया है।

अश्वजीत सिंह के संगीत निर्देशन ने इस गीत को न केवल विवाह सीजन का सुपरहिट गीत बना दिया है बल्कि उनके कर्णप्रिय संगीत पर गीत की धुनों को सुनकर लोग खुद को थिरकने से भी नहीं रोक पा रहे हैं। सुभाष पांडेय और रंजीत सिंह की रिदम ने इस लोकधुन में पारंपरिक ताल-वाद्यों का सुंदर मेल बैठाया है, जो सुनने वाले के दिल में सीधा उतर जाता है।

बात अगर गीत के वीडियो की करें तो निशांत उप्रेती और दीक्षा बडोनी की जोड़ी ने शानदार अभिनय कर न केवल दर्शकों का दिल जीत लिया है। बल्कि इस गीत की खूबसूरती में चार-चांद भी लगा दिए हैं। उनकी स्वाभाविक अदाकारी और केमिस्ट्री यह एहसास कराती है कि जैसे आप किसी पहाड़ी बारात का हिस्सा हों। जहां कभी ठिठोली, कभी हंसी और कभी अपनापन झलकता है। बता दें कि देहरादून के पास स्थित दीनदयाली होमस्टे में फिल्माए गए इस गीत में बारातियों और घरातियों की मीठी नोकझोंक, गालियों की पारंपरिक मिठास और गीतों की लोक लय ने इसे एकदम असली अहसास दिया है। वीडियो का निर्देशन सोहन चौहान ने किया है और सिनेमेटोग्राफी व एडिटिंग का जिम्मा देवेंद्र नेगी ने बखूबी निभाया है। कर्णा डांस ग्रुप के कलाकारों की प्रस्तुति ने गीत के दृश्यों को और अधिक जीवंत कर दिया है।