उत्तराखण्ड

सड़कों को गड्ढा मुक्त करने को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सड़क पर दिया धरना

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अपने पैतृक गांव मोहनरी से रामनगर लौट रहे पूर्व सीएम हरीश रावत ने सड़कों की दुर्दशा और उन पर बने हुए गड्ढों को देखते हुए अल्मोड़ा-रामनगर हाईवे पर मोहान के पास बीच सड़क पर धरना दे दिया। साथ ही इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सीएम पुष्कर धामी ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए सरकार की आलोचना की है।

रामनगर से रानीखेत, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले को जोड़ने वाली इस सड़क की बदहाली को लेकर पूर्व सीएम पहले भी तीन बार धरना दे चुके हैं, लेकिन सरकार की नींद नहीं खुली। बावजूद इसके सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के दावे कर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।

सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत अपने पैतृक गांव मोहनरी में एक कार्यक्रम में शामिल होकर रामनगर लौट रहे थे। अल्मोड़ा-रामनगर हाईवे पर मोहान के पास वे गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड की सबसे पुरानी सड़कों में शामिल है जो पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस हाईवे से पर्यटक रानीखेत, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ पहुंचते हैं, लेकिन यह सरकार की नाकामी है कि आज यह सड़क गड्ढों से पटी है जबकि इसे एक्सप्रेस-वे बन जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की हर सड़क की यही कहानी है। आलम यह है कि सरकार गड्ढा मुक्त सड़कों की बात कर पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रही है लेकिन विपक्षी विधायकों को खुद सड़क पर खड़े होकर गड्ढे भरवाने पड़ रहे हैं। बीते सात वर्षों में तीन बार वे इस सड़क को ठीक करने की मांग करते हुए धरने पर बैठ चुके हैं लेकिन हालत जस के तस बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के विकास के सभी दावे फेल हैं। कुछ देर बाद वे वहां से रामनगर रवाना हो गए।