जनपद चम्पावतटनकपुर

जज्बे को सलाम # ई-रिक्शा चला परिवार की गुजर कर रही हैं टनकपुर की गौरा देवी

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टनकपुर। गरीबी और बेबसी जो ना करा दे वो कम है। ये बात ऐसे ही नहीं कही गई है। ये बात सौ प्रतिशत सत्य है। आज हम आपको गरीबी से जूझ रही एक महिला की कहानी बता रहे हैं। जो अपने हौसले के बलबूते अपना परिवार चलाने के लिए वो काम कर रही है, जिस काम को मर्दों की बस की बात कहा जाता है। परिवार के मुखिया और कमाऊ दुनिया से चल बसे और जिगर का टुकड़ा भी जिंदगी का साथ छोड़ कर चल दिया। ऐसे में इस जांबाज महिला ने खुद और परिवार को संभालने की जिम्मेदारी उठाई। हिम्मत और संकल्प की बलौदत ये महिला तपती धूप में टनकपुर की सड़क पर ई-रिक्शा ला रही है और परिवार का भरण पोषण कर रही है। 56 साल की गौरा देवी के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है।
चम्पावत जिले की पहली और एकमात्र महिला ई-रिक्शा चालक हैं गौरा देवी। उन्हें सड़क पर रिक्शा चलाते या यात्रियों को बुलाते देख राह चलते लोग भले ही हैरत जताते हों मगर उनकी जिंदगी का कटु सत्य भी अचरज से कम नहीं है। ग्राम बोहरागोठ निवासी गौरा देवी के जवान बेटे की मौत करीब छह साल पहले हो गई थी। बेटा रिक्शा चलता था। दो साल पहले मजदूरी करने वाले पति कल्लू राम ने भी दुनिया को छोड़ दिया। इसके बाद गौरा देवी के परिवार में दुखों का पहाड़ टूटा पड़ा। आय के सभी स्रोत बंद हो चुके थे। गौरा के सामने बहू और उसके बेटों के पालन पोषण की जिम्मेदारी आ पड़ी थी। गौरा ने हिम्मत नहीं हारी। कुछ कर गुजरने का संकल्प लिया। एक साल पहले बैंक से कर्ज लेकर ई-रिक्शा खरीदा और परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने का मन बनाया। गौरा बताती हैं कि शुरू में उन्हें इस काम में कुछ झिझक हुई। लोगों का नजरिया भी अच्छा नहीं था, लेकिन वह अपने काम को आगे बढ़ाती रहीं। वह रोज सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक रिक्शा चलाती हैं। इससे रोजाना 300 रुपये की आय होती है। बैंक की किस्त और घर का गुजारा करने के लिए गौरा सुबह कुछ घरों में जाकर घरेलू काम भी करती हैं।

सोच-विचार कर ई-रिक्शा चलाना ठीक समझा
टनकपुर। गौरा देवी कहती हैं कि पहले पति और बाद में एक बेटे की मौत से घरेलू हालात डगमगा गए। घर के गुजर के लिए कुछ काम तो करना था। बहुत सोच विचार कर ई-रिक्शा चलाना मुनासिब समझा। अब इससे और कुछ घरों में भी काम कर अपने घर की गुजर हो रही है।

गौरा ने पेश की है मिसाल
टनकपुर। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया और एआरटीओ सुरेंद्र कुमार का कहना है कि ई-रिक्शा के जरिये महिलाएं भी रोजगार कर सकती है, इस बात को गौरा ने साबित किया है। इस काम के लिए प्रशासन भविष्य में गौरा को सम्मानित करेगा।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड