टनकपुर की रामलीला में हुआ घनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला का मंचन
टनकपुर। नवयुवक रामलीला कमेटी टनकपुर के तत्वावधान में गांधी मैदान में रविवार की शाम को राललीला मंचन का शुभारंभ मुख्य अतिथि दीपक धामी ने दीप प्रज्वलित कर किया। रामलीला मंचन के चौथे दिन सीता स्वयंवर, परशुराम लक्ष्मण संवाद, राम-जानकी विवाह की लीला का मंचन हुआ। लीला मंचन में गुरु विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण जनकपुर पहुंचते हैं। यहां सीता स्वयंवर में राम-लक्ष्मण भाग लेते हैं। स्वयंवर में कोई भी राजा धनुष को हिला नहीं सका। इस बीच रावण और वाणासुर में भी संवाद होता है। तभी गुरु विश्वामित्र राम को आदेश देते हैं कि वह उस धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाएं। गुरु की आज्ञा पाकर राम, शिवजी के धनुष को हाथ से उठाकर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाते हैं, वैसे ही सारे लोग हतप्रभ हो जाते हैं प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष टूट जाता है। इसके बाद राम-सीता का विवाह संपन्न होता है। धनुष टूटने का समाचार मिलते ही परशुराम क्रोधित हो जाते हैं और धनुष तोड़ने वाले का परिचय पूछते है। इस दौरान लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैं और लक्ष्मण परशुराम के बीच बाद विवाद शुरू हो जाता है। लक्ष्मण परशुराम संवाद को देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस मौके पर नवयुवक रामलीला कमेटी के अध्यक्ष संजय पांडे, सचिव मयंक पंत, संस्थापक नीरज सिंह, संस्थापक विशाल कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अमित परवेज, संजय अग्रवाल, अंकुर टंडन, अतुल शारदा, प्रतिभा अग्रवाल, उपाध्यक्ष कल्पना आर्य, सुषमा गुप्ता, पूनम कोहली, नेहा पांडे, गीता गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

वहीं दूसरी ओर टनकपुर के ग्राम सभा ज्ञानखेडा में उत्तरांचल रामलीला समिति के द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के चौथे दिवस पर धनुष यज्ञ एवं परशुराम लक्ष्मण संवाद तक की लीला का मंचन किया गया। राम के पात्र आदित्य तिवारी, लक्ष्मण के पात्र वैभव कांडपाल, परशुराम के पात्र मुकेश जोशी, रावण के पात्र नारायण दत्त चिलकोटी, सीता के पात्र नमन बगौली, जनक के पात्र भरत मौनी रहे। कार्यक्रम में समिति अध्यक्ष अम्बादत्त पंत, सचिव भरत मौनी, उपसचिव मुकेश जोशी, कोषाध्यक्ष नारायण दत्त चिलकोटी, दिनेश जोशी, नरेंद्र घटाल, चंद्रशेखर गहतोड़ी, दिनेश भट्ट, श्याम सिंह बिष्ट, तपन गड़कोटी, ललित उप्रेती, प्रदीप बिष्ट, अमन सामंत, अमित, हारमोनियम वादक उदय सिंह बिष्ट, तबला वादक प्रकाश जोशी, हरिओम सेठी मौजूद रहीं।
