नवीनतम

अच्छी खबर : चम्पावत के लोगों को डायलिसिस के लिए अब नहीं लगानी होगी बाहर की दौड़

ख़बर शेयर करें -

चम्पावत। जनपद के लोगों के लिए अच्छी खबर है। हंस फाउंडेशन के सहयोग से चम्पावत के जिला अस्पताल में डायलिसिस शुरू हो गई है। इस सुविधा के मिलने से लोगों को डायलिसिस (रक्तशोधन) के लिए हल्द्वानी या अन्य जगह जाने के झंझट से निजात मिलने के साथ ही आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा।
जिला अस्पताल में डायलिसिस का संचालन शुरू होने पर पहली जुलाई से अब तक आठ लोगों की डायलिसिस हो चुकी है। फाउंडेशन की ओर से यहां तैनात डॉ. वर्षिका ने डायलिसिस की। फिलहाल 18 लोगों ने पंजीकरण कराए हैं। हंस फाउंडेशन के प्रभारी अरविंद बिष्ट ने बताया कि डायलिसिस के लिए रोगी को कोई शुल्क नहीं देना होगा। जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. एचएस ऐरी ने बताया कि डायलिसिस की तीन मशीनों में छह लोगों की डायलिसिस की जा सकती है। डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है कि जब किसी व्यक्ति के गुर्दे ठीक से काम नहीं करते हैं। आम तौर पर लंबे समय से मधुमेह के रोगियों, उच्च रक्तचाप के रोगियों को डायलिसिस की जरूरत होती है।

अब तक हल्द्वानी, बरेली जाना पड़ता था
चम्पावत। डायलिसिस के लिए पहाड़ के लोगों को हल्द्वानी, रुद्रपुर, बरेली, पीलीभीत आदि स्थानों की दौड़ लगानी होती थी, अब जिला अस्पताल में यह सुविधा होने से लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहां अस्पताल में जिले के बाराकोट, चौमैल के अलावा पिथौरागढ़ जिले के रोगी भी डायलिसिस के लिए पहुंच रहे हैं। इधर, डायलिसिस कराने में ढाई हजार रुपये खर्च करने के साथ ही आने जाने की परेशानी से लोगों को राहत मिली है।