उत्तराखंड सरकार का कदम : निवेशकों के लिए नीतिगत प्रावधानों पर पारदर्शिता सुनिश्चित
चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने अवगत कराया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही में घोषित ‘उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति–2025’ के प्रभावी क्रियान्वयन एवं निवेशकों को स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से शासन स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य उद्योग जगत और निवेशकों के बीच किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति को समाप्त करना है।
उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा MSME की परिभाषा में हाल ही में संशोधन किया गया है। तथापि, उत्तराखंड सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वित्तीय प्रोत्साहन और उत्पादन से जुड़े लाभ राज्य की ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति–2023’ के तहत पूर्व निर्धारित परिभाषा के अनुसार ही दिए जाएंगे। वहीं, ‘उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति–2025’ के अंतर्गत वृहद उद्यम की परिभाषा यथावत प्रभावी रहेगी। अर्थात, केंद्र सरकार द्वारा MSME की परिभाषा में परिवर्तन के बावजूद, उत्तराखंड राज्य में विभिन्न औद्योगिक नीतियों से प्राप्त होने वाले लाभों के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्व में निर्धारित परिभाषाएं ही मान्य होंगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह निर्णय सुनिश्चित करेगा कि औद्योगिक नीतियों से मिलने वाले लाभ व प्रोत्साहन केवल वास्तविक पात्र उद्यमों तक ही पहुंचे। इससे निवेश का अनुकूल वातावरण और अधिक मजबूत होगा तथा राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। उन्होंने सभी निवेशकों, उद्यमियों और उद्योग जगत से अपील की कि वे इन स्पष्टीकरणों का संज्ञान लेते हुए निर्धारित नियमों का पालन करें और उपलब्ध नीतिगत प्रावधानों का अधिकतम लाभ उठाएं।