पूर्णागिरि धाम में हनुमान चट्टी का बोल्डर बन गया आफत, वैकल्पिक मार्ग भी धंसा
टनकपुर। पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में हनुमान चट्टी के पास सड़क में गिरा भारी भरकम बोल्डरर श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों के लिए आफत बन गया है। पत्थर के पास बनाया गया वैकल्पिक मार्ग धंसने से यातायात फिर बंद हो गया है। जिस कारण धाम क्षेत्र के लोगों के साथ ही पूर्णागिरि दर्शन के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को भी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर श्रद्धालुओं को ठुलीगाड़ बैरियर से लौटना पड़ रहा है। बहरहाल लोनिवि की टीम पत्थर को तोड़कर हटाने के प्रयास में जुटी है।
बारिश से 18 जुलाई को हनुमान चट्टी के पास चट्टान दरकने से चट्टान का बड़ा हिस्सा सड़क पर गिरा है। जो पूर्णागिरि मार्ग पर यातायात के लिए अवरोध बना है। मौसम की बाधा से कार्यदायी संस्था लोनिवि ने सात दिन बाद वैकल्पिक मार्ग तैयार कर यातायात सुचारु किया, लेकिन वैकल्पिक मार्ग भी धंसने से फिर यातायात बंद हो गया है। ब्रेकर मशीन के साथ ही कंप्रेशर से ड्रिल कर चट्टान को तोड़ने का प्रयास जारी है। एई एपीएस बिष्ट का कहना है कि चट्टान बड़ी और ठोस होने के कारण उसे तोड़ने में देरी हो रही है। उन्होंने जल्द पत्थर हटाकर मार्ग सुचारु करने का दावा किया है।
पुलिस पर बेवजह परेशान करने का आरोप
पूर्णागिरि धाम के पुजारियों ने पुलिस पर धाम के लोगों और दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं को सुरक्षा की आड़ में परेशान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ठुलीगाड़ पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को लौटाने के बजाय पैदल रास्ते से आवाजाही की अनुमति दिलाने की मांग की है। मंदिर समिति अध्यक्ष पं. भुवन चंद्र पांडेय, उपाध्यक्ष नीरज पांडेय, पूर्व अध्यक्ष किशन तिवारी, जगदीश तिवारी, लालमनी पांडेय, सुभाष पांडेय आदि का कहना है कि ठुलीगाड़ पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को लौटाना गलत है।
सिद्धमोड़ पर पैदल रास्ता हुआ ध्वस्त
मां पूर्णागिरि धाम में आपदा से नुकसान का सिलसिला जारी है। बारिश से तीन दुकानें ध्वस्त होने के बाद अब सिद्धमोड़ पर पैदल मार्ग का बड़ा हिस्सा ध्वस्त होकर खाई में समा गया है। धाम के पुजारी, दुकानदार और यात्री जोखिम उठाकर आवाजाही कर रहे हैं। मंदिर समिति उपाध्यक्ष नीरज पांडेय के मुताबिक मार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्से में शीघ्र मरम्मत और सुरक्षा कार्य नहीं हुआ तो मार्ग का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो सकता है।