हरक सिंह बयान विवाद: सिख समुदाय ने कांग्रेस नेता के घर के बाहर किया शबद कीर्तन
हरक सिंह रावत की सिख अधिवक्ता पर की गई टिप्पणी से उपजा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है
देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के सिख अधिवक्ता पर की गई टिप्पणी से उपजा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के बड़े नेताओं के गुरुद्वारों में जाकर प्रायश्चित किये जाने के बावजूद, बीते रोज सिख समाज ने हरक सिंह रावत के डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास के बाहर शबद कीर्तन किया।
सिख समुदाय के कई लोग पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के घर के बाहर जमा हुए। सभी ने घर के बाहर डेरा डालकर शबद कीर्तन शुरू कर दिया। उस वक्त हरक सिंह घर में मौजूद नहीं थे। उत्तराखंड कांग्रेस की दिल्ली में आयोजित हुई बैठक में भाग लेने के लिए हरक दिल्ली गए हुए थे। सिख समाज के लोगों ने मांग उठाई कि हरक सिंह रावत उनके सामने आकर माफी मांगें। वहां मौजूद पुलिस के समझाने के बाद उन्होंने दोबारा आने की बात कही।

दरअसल मामला उस समय का है जब कुछ दिन पूर्व हरक सिंह रावत अधिवक्ताओं के धरने पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने उपहास में धरने में मौजूद सिख अधिवक्ता पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उसका वीडियो जमकर सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। वीडियो में नजर आ रहा है हरक सिंह ने अपने संबोधन के बाद तुरंत माफी मांग ली थी। उसके बाद हरक सिंह रावत ने उसी शाम वकीलों के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए माफी मांगी थी।
उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि उनकी बातों का गलत अर्थ नहीं निकाला जाए। उनकी भावनाएं किसी को आहत करने की नहीं थी। उन्होंने सिखों के पराक्रम और इतिहास को भी दोहराते हुए कहा कि अगर उनकी इस बात से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो वह इसके लिए हार्दिक रूप से क्षमा मांगते हैं। इस पर भी मामला ठंडा नहीं हुआ। आक्रोशित सिख समुदाय के लोगों ने देहरादून में हरक सिंह रावत का पुतला फूंक दिया था। हरक सिंह रावत के विरोध की आग पंजाब तक पहुंच गई थी।
मामले को आउट ऑफ कंट्रोल जाते देख हरक सिंह रावत ने गुरुद्वारे जाकर सार्वजनिक माफी मांगी। गुरुद्वारे में जूता सेवा की। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सिख समुदाय से सार्वजनिक माफी मांगी थी। हरीश रावत ने भी गुरुद्वारे जाकर लंगर सेवा करने के साथ जूता सेवा की थी। इसके बावजूद सिख समुदाय का हरक सिंह रावत के खिलाफ गुस्सा कम नहीं हो रहा है।

