खानपुर विधायक उमेश कुमार पर अपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने के मामले में हाईकोर्ट का फैसला छह मई को

उत्तराखंड में हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की ओर से अपने नामांकन पत्र में संलग्न शपथ पत्र में आपराधिक मुकदमों की जानकारी न देने और उनका नामांकन पत्र स्वीकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने छह मई को फैसला सुनाने की तिथि तय की है।
चुनाव आयोग को मामले में कार्रवाई करने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने याचिका की पोषणीयता पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखते हुए निर्णय छह मई को सुनाने की तिथि तय की है। हरिद्वार निवासी रवींद्र सिंह पनियाला ने याचिका दायर कर कहा कि खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने निर्वाचन से पहले 2021 में अपने ऊपर दर्ज मुकदमों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उमेश कुमार ने दुराचार व अन्य मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी सुनवाई अन्य न्यायालयों से स्थानांतरित कर सुप्रीम कोर्ट में सुनी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2021 को उमेश शर्मा की यह ट्रांसफर पिटीशन खारिज कर दी थी।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, उमेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए मुकदमों की जानकारी 27 जनवरी को खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दाखिल नामांकन पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में नहीं दी। निर्वाचन अधिकारी ने भी उनका नामांकन पत्र जांच के बाद वैध घोषित कर दिया। इससे पूर्व हरिद्वार जिले के वीरेंद्र कुमार ने उमेश कुमार के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है। इसमें उमेश कुमार पर आपराधिक रिकार्ड छिपाने के आरोप लगाए हैं। इससे पूर्व में भावना पांडे ने भी उमेश कुमार को विधायक पद की शपथ लेने से रोकने को लेकर याचिका दायर की थी। ये मामले भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। हाईकोर्ट ने इस याचिका की पोषणीयता पर सुनवाई पूरी कर ली है। फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। छह मई को फैसला सुनाया जाएगा।

