वनों के संरक्षण को चम्पावत जिले में वन विभाग की अनूठी पहल, नवविवाहित जोड़ों से कराया जा रहा पौधारोपण

चम्पावत। जंगलों को अवैध पातन या फिर वनाग्नि के खतरों से बचाने से लेकर वनों को संरक्षित कर विस्तार देने में जन-जागरूकता की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। लोगों को वनों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए एक नायाब पहल चम्पावत जिले में वन विभाग की ओर से की गई है। विवाह समारोहों में वन विभाग वर-वधू को पौध लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है। साथ ही नवदंपति से पौधारोपण कराने के साथ ही संकल्प पत्र भरवा रहा है।


लघिया घाटी के भिंगराड़ा के नजदीक के खरहीं के गिरीश की 16 अप्रैल को क्कैराली की बबीता से शादी हुई। विवाह की रस्म पूरी होने पर वन विभाग ने वर और वधू से पौधे का रोपण करवाया। भिंगराड़ा के वन क्षेत्राधिकारी हिमालय सिंह टोलिया और उप वन क्षेत्राधिकारी उत्तम नाथ गोस्वामी ने इस स्मृति पौधे की संतान की तरह परवरिश के लिए परिजनों को प्रेरित करने के साथ ही समारोह में शामिल तमाम लोगों को भी वनों की हिफाजत कर पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ दिलवाई। कहा कि इस वक्त दावाग्नि काल है, ऐसे में जंगल और पौधों को बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।

वहीं देवीधुरा के रेंजर कैलाश चंद्र गुणवंत ने खेतीखान के बटुलाबांज गांव में वर वधू मोहित व नेहा को बारात विदा होने से पहले छायादार एवं पानी के पोषक पेड़ों के पौध दिए। जिनका नवविवाहित जोड़े ने रोपण किया। रेंजर ने कहा नवदंपति इस पुनीत कार्य के न केवल गवाह बने बल्कि उन्होंने पेड़ों व जंगल की सुरक्षा का भी संकल्प पत्र भरा। वर वधू का कहना था कि यह पौध जिन्हें वे लगाकर जा रहे हैं, ये भी हमारे दांपत्य जीवन में प्रवेश करने के एक साक्षी रहेंगे। इस मौके पर समाजसेवी गोपाल मनराल समेत तमाम लोग मौजूद रहे। मालूम हो कि चम्पावत के प्रभागीय वनाधिकारी नवीन पंत ने आम लोगों को वनों को बचाने के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के सभी रेंज़ों में निर्देश दिए हैं।

